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    Bihar News: समक्षता उत्तीर्ण शिक्षकों को छह माह से नहीं मिल रहा वेतन, इस जगह पर फंसा है पेच

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 06:38 PM (IST)

    जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से मांगे गए तमाम कागजात उपलब्ध कराने के बावजूद पहली मार्च 2025 से विद्यालय में पदस्थापित सक्षमता-2 उत्तीर्ण शिक्षक को वेतन नहीं मिल सका है। इस संबंध में जिला शिक्षा कार्यालय को आवेदन देने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। इसकी वजह से परेशानी हो रही है।

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    यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।

    संवाद सहयोगी, पुरनहिया (सीतामढ़ी)। पुरनहिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बखार चंडिहा के सक्षमता 2.0 उतीर्ण शिक्षक का वेतन छह महीने से अधिक समय से बकाया है। जिला स्तर पर समाहरणालय सभा कक्ष में एक मार्च 25 को तत्कालीन प्रभारी मंत्री मो.जमां खान द्वारा नियुक्ति पत्र दिया गया था।

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    जिला शिक्षा कार्यालय को समय-समय पर मांगे गए तमाम कागजात उपलब्ध कराने के बावजूद पहली मार्च 2025 से विद्यालय में पदस्थापित सक्षमता-2 उत्तीर्ण शिक्षक रविशंकर कुमार सिंह का वेतन बकाया है। इस संबंध में जिला शिक्षा कार्यालय को आवेदन सौंप कर कई बार यथाशीघ्र वेतन भुगतान करने की मांग की गई लेकिन एक महीने का भी वेतन भुगतान नहीं हो पाया है।

    जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा तकनीकी समस्याओं का हवाला दिया जाता है। मगर तकनीकी समस्या को दूर करने के लिए कोई पहल आज तक नहीं की गई है। जबकि प्रान और एचआरएमएस जेनरेट हो चुका है। यही हाल मध्य विद्यालय चंडिहा बालक के शारीरिक शिक्षक मुकुल प्रसाद द्विवेदी का है. इनका वेतन नौ माह से बकाया है।

    पुरानी पेंशन को लेकर शिक्षकों ने निकाला कैंडल मार्च

    सीतामढ़ी: पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट) के आह्वान पर शिक्षकों ने कैंडल मार्च निकाला। जिलाध्यक्ष रमेश कुमार एवं जिला सचिव शिव शंकर पासवान के संयुक्त नेतृत्व में कैंडल मार्च मुख्यालय डुमरा स्थित आंबेडकर स्थल से निकाला गया।

    जो विभिन्न चौक चौराहे होते हुए पुन: आंबेडकर स्थल पर पहुंची। जहां एक सभा में तब्दील हो गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पुरानी पेंशन लागू करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा ।

    मौके पर बिपिन कुमार प्रसाद, महताब बैठा, कमलेश कुमार, शंकर पासवान, संजय मंडल, राकेश कुमार, अरविंद कुमार, महेश कुमार,नूरुल होदा, खुर्शीद अकरम, सत्य नारायण प्रसाद, विजय राम,सुधाकर, नन्द लाल प्रसाद, मृत्युंजय कुमार,दिलीप कुमार,अभिराम ठाकुर,ज्योति पंडित,राम बहादुर महतो आदि ने अपने विचार व्यक्त किए ।