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    Sitamarhi News: नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में नया मोड़, दादा ही निकला कातिल; पुलिस ने बताई इनसाइड स्टोरी

    Updated: Wed, 06 Mar 2024 09:19 AM (IST)

    Bihar News सीतामढ़ी में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में नया मोड़ आ गया है। आईजी शिवदीप लांडे ने हत्याकांड का उद्भेदन कर दिया है। उन्होंने घटना के पीछे की इनसाइड स्टोरी बता दी है। उन्होंने बताया कि आखिर नाबालिग की हत्या क्यों हुई। आइजी ने केस का उद्भेदन करते हुए बताया कि दादा ने ही पोती की हत्या की थी।

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    प्रेस कांफ्रेंस में सच्चाई से पर्दा उठाते आइजी शिवदीप लांडे। (जागरण)

    संवाद सूत्र, सीतामढ़ी। Sitamarhi News: अपने कारनामों से आम जन के दिलों में सुपर हीरो की तरह फेमस तिरहुत रेंज के आइजी शिवदीप लांडे ने सीतामढ़ी में गड़े मुर्दे को उखाड़ कर न सिर्फ पुलिस का इकबाल बुलंद किया है, बल्कि पीड़ित परिवार को इंसाफ भी दिलाया है। आठ माह पूर्व नाबालिग लड़की की हत्या के ब्लाइंड केस में आइजी ने अपनी सूझबूझ से सच्चाई से पर्दा भी उठा दिया है। आनर किलिंग के इस मामले में पुलिस ने आरोपी दादा राजकुमार राय (होमगार्ड जवान) को गिरफ्तार किया है।

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    कांड दर्ज करने में विलंब एवं लापरवाही के लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष जन्मेजय राय को भी दोषी पाया है तथा उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ किया है। डुमरा थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला बताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, लेकिन जांच में मामला आनर किलिंग का सामने आया है। आइजी शिवदीप लांड ने मंगलवार को स्वयं इस केस का उद्वेदन किया।

    सीतामढ़ी पहुंचकर उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में सच्चाई से पर्दा उठाया। प्रेस कांफ्रेंस के मौके पर पुलिस कप्तान मनोज कुमार तिवारी, एसडीपीओ सदर रामकृष्णा के अलावा केस की जांच कर रहीं बेलसंड की डीएसपी व एसआइटी के नेतृत्वकर्ता सोनल कुमारी, बेलसंड थानाध्यक्ष मनोज कुमार, तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष सुचित्रा कुमारी भी मौजूद थीं।

    आइजी ने केस का उद्भेदन करते हुए बताया कि दादा ने ही पोती की हत्या की थी। कातिल दादा था और लड़की के पिता ने ग्रामीण को आरोपी बनाते हुए मामले की जांच की मांग की थी।

    आइजी ने थानेदार पर कार्रवाई की तो पता चला कितना उलझाया हुआ था केस

    Bihar News: आइजी ने बताया कि इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष, डुमरा जन्मेजय राय के विरूद्ध प्रस्तावित विभागीय कार्यवाही में निर्णय लेने के क्रम में इस कांड के अनुसंधान में कई त्रुटियां परिलक्षित हुईं। पाया गया कि अनुसंधान में कई महत्वपूर्ण तथ्य हैं, जो अनसुलझे हैं।

    इसी के बाद उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण एवं कांड की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में इस कांड के अनुसंधान हेतु एक विशेष अनुसंधान टीम (एसआइटी) का गठन किया एवं अनसुलझे 21 बिंदुओं पर नए सिरे से अनुसंधान के निर्देश दिए।

    एसआइटी की जांच में पाया गया कि मृतका के दादा के द्वारा ही गला दबाकर उसकी हत्या की। फिर स्वजन एवं ग्रामीणों के समक्ष शव को जला दिया गया। स्वार्थवश रामपदार्थ कुमार एवं अन्य अभियुक्तों के विरूद्ध दुष्कर्म एवं हत्या का आरोप लगाकर कांड दर्ज कराया गया।

    कांड के वादी एवं उनके पिता के द्वारा घटना के बाद मामले को पंचायती कर रफा-दफा करने का प्रयास किया गया एवं पंचायती में फैसला नहीं होने के उपरांत 10 दिन विलंब से न्यायालय में कांड दर्ज कराया गया था। गठित एसआइटी की रिपोर्ट एवं अग्रिम अनुसंधान में आए तथ्यों/ परिस्थितिजन्य से पाया गया कि, यह एक सम्मान हत्या यानी आनर किलिंग का मामला है।

    मामले को दबाने के लिए डाक्टर के क्लीनिक वाले सीसीटीवी फुटेज से भी छेड़छाड़

    इस कांड में मृतका को इलाज हेतु जिस डाक्टर के क्लीनीक पर लाया गया था, उसका सीसीटीवी फुटेज को विधिवत् जब्त किया गया है, जिसमें छेड़छाड़ किया हुआ पाया गया। घटना के पांच माह बाद मृतका का घटना के समय पहने हुए वस्त्र एवं वीडियो रिकार्डिंग को एसआइटी द्वारा जब्त किया गया है।

    इस कांड के वादी द्वारा घटना एवं कांड दर्ज कराए जाने के काफी दिनों बाद एक साइकिल थाने में सुपूर्द की गई जिसपर मुन्ना लिखा हुआ पाया गया। अनुसंधान के क्रम में मृतका के स्वजन एवं ग्रामीण के द्वारा मिलकर संज्ञेय अपराध की सूचना ससमय पुलिस/ न्यायालय को नहीं देने, पंचायती कर मामले का दमन करने का प्रयास करने, शव को जलाकर महत्वपूर्ण साक्ष्य को नष्ट करने, अनुसंधान के क्रम में मिथ्या साक्ष्य देने एवं सीसीटीवी फुटेज में छेड़छाड़ करने का साक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके लिए अलग से साक्ष्य संकलन कर विधि-सम्मत कार्रवाई की जा रही है।

    ऑनर किलिंग के लिए मृतका के दादा राजकुमार राय के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाए गए हैं। साक्ष्यों के आलोक में राजकुमार राय को गिरफ्तार कर लिया गया। कांड दर्ज करने में विलंब एवं लापरवाही के लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष जन्मेजय राय के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ किया गया। मृतका के अवशेष को जब्त करने के लिए एफएसएल के माध्यम से कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

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