Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाबा शुकेश्वर नाथ मंदिर

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 31 Jul 2022 12:13 AM (IST)

    सीतामढ़ी। भारत-नेपाल सीमा के मेजरगंज प्रखंड अंतर्गत बसबिट्टा में स्थापित है बाबा शुकेश्वर नाथ मंदिर।

    Hero Image
    बाबा शुकेश्वर नाथ मंदिर

    सीतामढ़ी। भारत-नेपाल सीमा के मेजरगंज प्रखंड अंतर्गत बसबिट्टा में स्थापित है बाबा शुकेश्वर नाथ मंदिर। यह स्थान भारत एवं नेपाल के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। बाबा शुकेश्वरनाथ की महिमा अपरंपार है। यहां मत्था टेकने मात्र से सभी मनोकामना पूरी होती है। मंदिर का इतिहास :

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कहा जाता है कि त्रेता युग में स्वयंवर में भाग लेने जनकपुर जाने के दौरान बसबिट्टा गांव में शुकेश्वर ऋषि ने यहां शिवलिग की स्थापना कर भगवान शंकर की पूजा अर्चना की थी। मिथिला नरेश राज जनक ने भी बसविट्टा पहुंच कर बाबा शुकेश्वर नाथ महादेव की पूजा-अर्चना की थी। कहते है कि इस स्थान पर भोलेनाथ ने राजा जनक एवं शुकेश्वर ऋषि को दर्शन भी दिया था। राम-जानकी विवाह के बाद जनकपुर से लौटते हुए ऋषि-मुनियों ने यहां मंदिर का निर्माण करा कर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के बाद वापस गए थे। बाद में यह मंदिर जमींदोज हो गया। जिसका जीर्णोद्धार कराया गया। मंदिर की विशेषता:

    शुकेश्वर ऋषि द्वारा स्थापित किए जाने के कारण ही इस शिवलिग का नाम शुकेश्वरनाथ पड़ा। यह शिवलिग लोगों के लिए आस्था के प्रतीक है। मंदिर के गर्भगृह में अक्सर पानी भरा रहता है। इसे भगवान शिव का जलाधिवास कहा जाता है। अगर गर्भगृह से पानी समाप्त हो जाता है तो उस साल इलाके में सुखाड़ आ जाता है।

    सावन माह में ही भगवान शंकर ने विषपान किया था। जिसे जलाभिषेक से कम किया गया। इसके चलते भगवान शिव का नाम जल देवता भी पड़ा। बाबा शुकेश्वर नाथ मंदिर भारत एवं नेपाल के लोगों के आस्था का केंद्र है। इनकी महिमा अपरंपार है।

    - राजेश गिरी, पुजारी बाबा शुकेश्वर नाथ मंदिर लोक आस्था का केंद्र है। यहां रोजना श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां मंदिर की ओर से धर्मशाला बनाया गया है।

    - राम कुमार पांडे, भक्त

    comedy show banner
    comedy show banner