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गुरु पूर्णिमा पर लक्ष्मणा गंगा की पूजा अर्चना के साथ हुई संध्या आरती

सीतामढ़ी। श्री सीता जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद् द्वारा अनवरत चल रही लक्ष्मणा गंगा संध्या आरती

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 11:49 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 11:49 PM (IST)
गुरु पूर्णिमा पर लक्ष्मणा गंगा की पूजा अर्चना के साथ हुई संध्या आरती

सीतामढ़ी। श्री सीता जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद् द्वारा अनवरत चल रही लक्ष्मणा गंगा संध्या आरती गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ की गई। महाआरती कोविड अनुशासनों में किया गया। परिषद् के कोषाध्यक्ष अखिलेश झा ने बताया कि माता सर्व प्रथम गुरु होती है। इसी कारण आज माता लक्ष्मणा गंगा की महाआरती की गई एवं माता से सदानिरा प्रवाहमान रहने का आशीर्वाद मांगा गया। परिषद् के अध्यक्ष अभिषेक मिश्र ने कहा कि सीतामढी धाम में सात्विकता का जो अभाव है, उसे दूर करने के लिए माता लक्ष्मणा गंगा और वेद गंगा का प्रवाह जरूरी है। महाआरती में संत भूषण दास,राजीव कुमार काजू,अरविद ज्वाला,प्रवीण, राहुल द्विवेदी, अमित, प्रकाश, राजू सहित अनेक स्वयं सेवक शामिल थे। गुरु पूर्णिमा पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज को शिष्यों ने किया नमन

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सीतामढ़ी, संस: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शहर के अंचल गली स्थित वैदेही वल्लभ निकुंज मंदिर में अखिल भारतीय आध्यात्मिक उत्थान मंडल जिला इकाई की ओर से समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिष्यों ने धर्म सम्राट शारदा द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की चरण पादुका का पूजन कर सनातन धर्म की रक्षा तथा गुरु के आदर्श व उपदेश को आत्मसात करने का संकल्प लिया। कार्यकम का नेतृत्व संगठन के जिला व्यवस्थापक सह प्रचारक विश्वदेव सहाय ने कहा कि गुरु की चरणों में मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।गुरु जीवन रूपी नैया के खेवैया होते हैं,जो हमे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। समारोह में शिव रतन झा,इंद्र भूषण सिंह,सुधाकर झा,शैलेंद्र कुमार,रतिकांत झा, नवीन झा सहित अन्य शिष्य मौजूद थे। गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धा के साथ लोगों ने हवन कर गुरु के प्रति जताई आस्था सीतामढ़ी। गायत्री परिवार ट्रस्ट सीतामढ़ी द्वारा दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा पर्व का समापन हर्षोल्लास, वैदिक परम्परा एवं पारंपरिक विधि विधान के साथ मुख्य कार्यालय गायत्री शक्तिपीठ पुनौरा धाम परिसर में संपन्न हुआ। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया गया। शुक्रवार को प्रारंभ किए गए गायत्री महामंत्र जप अनुष्ठान 24 घंटे के बाद पूरा हुआ। शनिवार को हवन यज्ञ में करीब 400 से अधिक लोगों ने अपने गुरु के प्रति असीम श्रद्धा, भक्ति व समर्पण को अर्पित करते हुए हवन यज्ञ में सहभागिता दी। गायत्री परिवार का उद्देश्य समाज में कुरीति निवारण, सर्वांगीण विकास व भारतीय परंपरा के वर्णित सभी संस्कारों को पूर्ण कराने के लिए प्रतिबद्धता को दोहराते हुए 10 नामाकरण संस्कार, 12 दीक्षा संस्कार, 14 उपनयन ,13 अन्नप्राशन संस्कार संपन्न कराया गया। यज्ञाचार्य की भूमिका में श्री विद्यानंद पांडे जी ने वाणी एवं कर्मकांड की व्याख्या की। इस पुनीत कार्य में सहयोग देने वालों में मदन प्रसाद सिंह, सकलदेव सिंह, दिलीप शर्मा, चंदा सिन्हा, विजय प्रसाद समेत कई लोग शामिल थे। कार्यक्रम के समापन के बाद इं चंद्र भूषण शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।


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