फैसले से बटाईदारों में जश्न
बेला (सीतामढ़ील), निज प्रतिनिधि : नोचा एवं हनुमान नगर के बटाईदारी मामले में अंचल कार्यालय परिहार द्वारा भू-स्वामी स्व. सत्य नारायण साह के पुत्र भरत साह से कुछ लोगों द्वारा की गई जमीन खरीद को अवैध करार देते हुए राम नारायण चौधरी सहित एक सौ पांच बटाईदारों को अधिभोगी रैयत का दर्जा देते हुए रैयती हक प्रदान करने की स्वीकृति दी है। साथ ही बटाईदारों के नाम जामबंदी कायम कर दी गई है। वहीं केवालादारों द्वारा दाखिल खारिज हेतु दिए गए आवेदन को अंचल कार्यालय द्वारा निरस्त किया जा चुका है। अंचल कार्यालय के इस फैसले से बटाईदारों में जहां जश्न का माहौल है। वहीं नए क्रेताओं की बेचैनी बढ़ गई है। इस संबंध में अंचलाधिकारी ने बेला थानाध्यक्ष को पत्र भेजकर अधिभोगी रैयत के जोत आबाद वाली जमीन को अवैध रूप से कब्जा करने के प्रयास के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए दोषी लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया है। सीओ ने प्रत्रांक 38 के माध्यम से कहा है कि नोचा व हनुमान नगर के 105 बटाईदार लंबे समय से स्व. सत्य नारायण साह की जमीन पर बटाईदारी करते आ रहे है। वर्ष 1977 में भूमि सुधार उप समाहर्ता सीतामढ़ी सदर के न्यायालय द्वारा विभिन्न बटाईदारी वाद के तहत बटाईदारों को डिग्री मिली। बटाईदार अभी तक जमीन जोत करते आ रहे है। बिहार कास्तकारी अधिनियम 1885 की धारा 48(ग) एवं 48(घ) में स्पष्ट प्रावधान है कि यदि कोई कस्तकार ऐसे भू-स्वामी जिन्हें निर्धारित सीमा से अधिक भूमि हो, की जमीन पर 12 वर्षो से अधिक समय से लगातार जोत आवाद करते आ रहे है तो उन्हें अधिभोगी रैयत का दर्जा प्राप्त हो जाता है तथा वे रैयती हक पाने के योग्य हो सकते है। इसके तहत संबंधित अंचलाधिकारी द्वारा उन्हें रैयती अधिकार देते हुए उनके नाम जमावंदी कायम की जा सकती है। पत्र में उल्लेखनीय है कि दाखिल खारिज अधिनियम 2011 में भी बिहार कस्तकारी अधिनियम 1885 के प्रावधानों के तहत अधिभोगी रैयतों के नाम धारिज जमीन का दाखिल खारिज करने का प्रावधान है।
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