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आशा प्रभात के नाम एक और उपलब्धि

By Edited By: Published: Wed, 02 Nov 2011 08:27 PM (IST)Updated: Wed, 02 Nov 2011 08:27 PM (IST)
आशा प्रभात के नाम एक और उपलब्धि

तेलगू पत्रिका चतुरा में धारावाहिक के रुप में होगी उपन्यास 'मै और वह' का प्रकाशन

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बसुंधरा प्रकाशन की इस पत्रिका में आशा के उपन्यास को तेलगु में अनुवाद करेंगे करनाती नागाभूषणम

सीतामढ़ी, प्रतिनिधि : हिंदी व उर्दू की प्रख्यात कवियित्री व लेखिका आशा प्रभात के नाम एक और उपलब्धि शामिल हो गई है। 'मै और वह' नामक आशा का उपन्यास अब तेलगू भाषा में अनुवादित होने जा रहा है। इस उपन्यास को आंध्र प्रदेश के हैदराबाद से प्रकाशित 'चतुरा' नामक मासिक पत्रिका में धारावाहिक के रुप में प्रकाशित करने की तैयारी चल रहीं है। आशा के इस उपन्यास को तेलगू भाषा में अनुवादित करने की जिम्मेदारी करनाती नागाभूषणम को मिली है। बसुंधरा हैदराबाद की एक प्रतिष्ठित प्रकाशन समूह है जो 'सितारा' 'विपुला' व 'अन्नदाता' का प्रकाशन करती है। आशा का यह पहला उपन्यास नहीं है, जिसे दूसरे भाषा में अनुवादित किया जा रहा है। आशा की रचनाएं उर्दू, गुजराती, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी व गुजराती भाषा में अनुवादित हो कर अंतर्राष्ट्रीय फलक पर सराही जा चूकी है। शहर के कोट बाजार निवासी आशा प्रभात ने हिंदी व उर्दू रचनाओं का एक अनोखा बागवान सजाया है। अपनी रचनाओं के जरिए पाकिस्तान, बंगला देश व इंग्लैंड तक लेखनी की धूम मचा दी है। आशा की पहली कृति 'दरीचे' नामक काव्य संग्रह के रूप में वर्ष 1990 में प्रकाशित हुयी। उसके बाद 'धुंध में उगा पेड़' नामक उपन्यास प्रकाशित हुआ। यह उपन्यास हिंदी व उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हो कर कामयाबी की राह आसान कर दी।

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