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    खाद-बीज की दुकान चलाने वालों को खेती की जानकारी जरूरी

    शेखपुरा। खाद-बीज की दुकान वालों को खेती की जानकारी जरूरी है। इसको लेकर अब खाद-बीज की दुकान खोलने वालों को विशेष प्रशिक्षण लेना होगा। यह प्रशिक्षण कृषि विभाग उन्हें मुफ्त में देगा। इसी योजना के तहत शनिवार को बामेती के निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार ने शेखपुरा में प्रशिक्षण का उद्घाटन किया।

    By JagranEdited By: Updated: Sat, 19 Dec 2020 05:41 PM (IST)
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    खाद-बीज की दुकान चलाने वालों को खेती की जानकारी जरूरी

    शेखपुरा। खाद-बीज की दुकान वालों को खेती की जानकारी जरूरी है। इसको लेकर अब खाद-बीज की दुकान खोलने वालों को विशेष प्रशिक्षण लेना होगा। यह प्रशिक्षण कृषि विभाग उन्हें मुफ्त में देगा। इसी योजना के तहत शनिवार को बामेती के निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार ने शेखपुरा में प्रशिक्षण का उद्घाटन किया। शेखपुरा के संयुक्त कृषि भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी शिवदत्त सिन्हा के साथ कृषि विभाग के दूसरे अधिकारी भी शामिल हुए। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बामेती के निदेशक ने कहा कि सरकार ने खेती की बेहतरी तथा किसानों के सहूलियत के लिए नया प्रावधान किया है। इसके मुताबिक अब कृषि स्नातक को ही खाद-बीज तथा कीटनाशक की दुकानों का लाइसेंस दिया जायेगा। सरकार ने इसमें कुछ रियायत देते हुए इंटर पर तथा पहले से काम कर रहे वैसे लाइसेंसी को कृषि स्नातक नहीं हैं। उन्हें विशेष प्रशिक्षण देकर डिप्लोमा की डिग्री देगी। बिना डिग्री के अब कोई भी खाद-बीज-कीटनाशक की दुकान नहीं चला सकता है। गैर कृषि स्नातक को कृषि विभाग 48 सप्ताह तक विशेष प्रशिक्षण देगा। यह प्रशिक्षण सप्ताह में एक दिन हर शनिवार को होगा। इसमें कृषि विभाग के अधिकारी के साथ कृषि वैज्ञानिक भी जरूरी जानकारी देंगे। शनिवार को 40 लोगों के प्रथम बैच का प्रशिक्षण शुरू हुआ। ये दुकान का लाइसेंस लेनेवाले नये आवेदक हैं। बामेती के निदेशक ने कहा सरकार का यह कदम खेती-किसानी तथा खुद दुकानदारों के हित के लिए भी काफी बेहतर है।

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    --- महसार के कृषि चौपाल में शामिल हुए निदेशक

    जागरण संवाददाता, शेखपुरा:

    बामेती के निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार शनिवार को कृषि चौपाल में भी शामिल हुए। शेखपुरा में डीलरों के प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करने के बाद वे सीधे महसार गांव पहुंचे। यहां कृषि विभाग द्वारा आयोजित कृषि चौपाल में शामिल हुए। कृषि चौपाल में निदेशक के साथ जिला कृषि पदाधिकारी,बागवानी के पदाधिकारी,भूमि संरक्षण के सहायक निदेशक के साथ प्रखंड कृषि पदाधिकारी भी शामिल हुए। चौपाल में बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसानों ने भी हिस्सा लिया। चौपाल का आयोजन कृषि विभाग जिला के सभी 54 पंचायतों में कर रहा है। चौपाल में किसानों को रबी की खेती को लेकर आवशयक जानकारी दी जा रही है। महसार के कृषि चौपाल में किसानों को संबोधित करते बामेती निदेशक ने कहा किसान पारंपरिक खेती के बजाय वैज्ञानिक खेती पर ध्यान केंद्रित करें। वैज्ञानिक खेती में फसल की बुआई से पहले मिट्टी की जांच जरूरी है। मिट्टी की जांच से यह पता चलता है इसमें किस रसायनिक पदार्थ की कमी है। उसी के मुताबिक उर्वरक का इस्तेमाल करें। निदेशक ने रसायनिक खाद के बजाय जैविक खाद इस्तेमाल करने की सलाह किसानों को दी। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रहती है।