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    शेखपुरा के 20वें डीएम होगें सावन कुमार

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2022 11:34 PM (IST)

    जागरण संवाददाता शेखपुरा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2015 बैच के अधिकारी सावन कुमार

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    शेखपुरा के 20वें डीएम होगें सावन कुमार

    जागरण संवाददाता, शेखपुरा: भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2015 बैच के अधिकारी सावन कुमार जिले के 20 वें डीएम बनाए गए हैं। शनिवार की रात सरकार ने इनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है। रविवार की सुबह से ही जिले में चर्चा का विषय बन गया। इनायत खान के अररिया जाने की अटकलें पिछले एक सप्ताह से लगाई जा रही थी। 31 जुलाई, 1994 को शेखपुरा को अलग प्रशासनिक जिला का दर्जा मिलने के बाद सावन कुमार यहां के 20 वें डीएम होंगे।

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    पहले श्री कुमार पटना सचिवालय में ग्रामीण विकास विभाग ने संयुक्त सचिव के पद पर तैनात थे। जिला प्रशासन में चर्चा है आज सोमवार को ही किसी समय कुमार शेखपुरा आकर अपनी जिम्मेवारी संभाल सकते हैं। 2009 में आईआईटी में सफल होने के बाद सावन कुमार ने 2015 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता पाई। मैट्रिक तक रांची में पढ़ाई करने के बाद समस्तीपुर से इंटर पास करने वाले कुमार मूल रूप से सुपौल जिले के निवासी हैं। देशभक्ती की पहल को लेकर याद रहेगी डीएम इनायत खान

    जासं, शेखपुरा: जिलाधिकारी इनायत खान पुलवामा में शहीद हुए बिहार के दो सैनिकों के बच्चों को गोद लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रही। इस पहल को देशभक्ती से प्रेरित माना गया। पटना के संजय कुमार और भागलपुर के रतन ठाकुर पुलवामा में शहीद हुए थे। उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च जिलाधिकारी ने उठाने का एलान किया। मदद के लिए बैंक में खाते खुलवाए। लोगों से भी मदद की अपील की। जिसमें लोगों ने धनराशि जमा कराएं। शेखपुरा जिला देश के 115 पिछड़े जिलों में शामिल है। आकांक्षी जिला के रूप में केंद्र सरकार के द्वारा नीति आयोग की पहल पर पीरामल फाउंडेशन के द्वारा यहां स्वास्थ्य, शिक्षा व पोषण के क्षेत्र में विशेष कार्य हो रहे हैं। इसी कड़ी में स्वास्थ्य और पोषण में गुणवत्तापूर्ण सुधार को लेकर शेखपुरा जिले के रैंक में सुधार हुआ। एक वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिलाधिकारी इनायत खान से बात की। उनके कार्यों की सराहना की। जिलाधिकारी के द्वारा दुर्गा पूजा और विष्णु धाम मंदिर में पूजा अर्चना कर धार्मिक सौहार्द का परिचय दिया। वहीं मजारों पर चादर भी चढ़ाए। व्यक्तिगत पहल से जिलाधिकारी ने गांव-गांव स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। वहीं जेल में कैदियों के स्वरोजगार को लेकर उन्हें प्रशिक्षण दिलाने की पहल की। कंप्यूटर का प्रशिक्षण भी इनके व्यक्तिगत पहल से कैदियों को दिलाई जा रही है।