Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बांह में चिप इंप्लांट कर 3 वर्ष तक प्रेगनेंसी से मुक्ति, शेखपुरा में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी

    By Arun SathiEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Fri, 14 Jul 2023 02:39 PM (IST)

    How to Prevent Pregnancy बांह में चिप जैसा पॉलीमर कैप्सूल इंप्लांट कर महिलाओं का गर्भधारण रोकने की तैयारी की जा रही है। चिप लगाने की प्रक्रिया को सबडर्मल सिंगल रॉड इंप्लांट कहते हैं। इसके लिए गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई दिल्ली की एयरोसिटी में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जिसमें शेखपुरा के सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार भी सम्मिलित हुए।

    Hero Image
    बांह में चिप इंप्लांट कर 3 वर्ष तक प्रेगनेंसी से मुक्ति, शेखपुरा में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी

    शेखपुरा, अरुण साथी। अब बांह में चिप जैसा पॉलीमर कैप्सूल इंप्लांट कर महिलाओं का गर्भधारण रोकने की तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार ने गर्भ निरोध के इस आसान व अत्याधुनिक साधन को उपलब्ध कराने के लिए शेखपुरा जिले में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बांह में इंप्लांट करने पर तीन वर्ष तक महिला नहीं हो सकेगी गर्भवती

    तीन माह बाद निश्शुल्क इंप्लांट शुरू हो जाएगा। इसे बांह में इंप्लांट करने पर तीन वर्ष तक महिला गर्भवती नहीं हो सकेगी। चिप लगाने की प्रक्रिया को सबडर्मल सिंगल रॉड इंप्लांट कहते हैं। इसके लिए गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई दिल्ली की एयरोसिटी में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की, जिसमें शेखपुरा के सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार भी सम्मिलित हुए।

    सबडर्मल सिंगल रॉड इंप्लांट

    सिविल सर्जन ने हमें मोबाइल फोन पर बताया कि सबडर्मल सिंगल रॉड इंप्लांट कारगर गर्भनिरोधक है। इसमें माचिस की तीली से भी छोटा और कम मोटाई वाला एक चिप जैसा पॉलीमर कैप्सूल महिला की बांह में त्वचा के नीचे और मांस से पहले, इंजेक्शन के माध्यम से लगा दिया जाता है। यह चार सेंटीमीटर लंबा और दो एमएम मोटा पॉलीमर कैप्सूल होता है। इससे धीरे-धीरे रिसने वाले प्रोजेस्टेरॉन नामक हार्मोन से महिला में अंडाणु बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसकी वजह से वह गर्भवती नहीं होती है।

    पुन: गर्भधारण भी कर सकती है महिला

    इसे निकालने के बाद महिला पुन: गर्भधारण कर सकती है। इस तकनीक को परिवार नियोजन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि विदेशों में यह काफी सफल सिद्ध हुआ है। शोध के बाद इसे भारत में भी निर्माण व उपयोग की अनुमति दी गई है। सिविल सर्जन ने बताया कि इसके साइड इफेक्ट भी हैं। कुछ महिलाओं को शुरुआती दिनों में मासिक धर्म अनियमित होने की आशंका रह सकती है।

    मांस में नहीं दिया जाएगा अंतरा इंजेक्शन

    सिविल सर्जन ने बताया कि अब गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया में भी बदलाव होगा। अब यह इंजेक्शन मांस में नहीं दिया जाएगा। इंसुलिन की तरह त्वचा के अंदर दिया जाएगा। इससे अंतरा इंजेक्शन के बाद मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव से मुक्ति मिल जाएगी। यह इंजेक्शन एक बार लगाने के बाद तीन महीने तक गर्भ धारण रोकने में सक्षम है।