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    जिसके नाच पर लुटाते थे जान, मरी तो कोई लेने नहीं आया लाश, 5 लाख मुआवजे की बात सुन युवक बोला- ये तो मेरी बीवी

    By Arun SathiEdited By: Deepti Mishra
    Updated: Sun, 21 May 2023 06:44 PM (IST)

    पुलिस ने घायल नेहा और एक अन्य को बरबीघा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से दोनों को पावापुरी मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया जहां दोनों की मौत हो गई। नेहा को छोड़कर सभी के परिजन आ गए।

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    आर्केस्ट्रा डांसर की लाश लेने नहीं आया कोई। प्रेमी ने भी मोड़ लिया मुंह, बंद कर लिया मोबाइल।

    अरुण साथी, शेखपुरा: आर्केस्ट्रा का चलन नए रंग रूप में तेजी से बढ़ा है। शादी समारोह, जन्मदिन उत्सव से लेकर कई धार्मिक आयोजनों के बाद आर्केस्ट्रा की नर्तकियों के नृत्य के आयोजन का चलन गांव-गांव होने लगा है। ऐसी ही एक आर्केस्ट्रा डांसर नेहा की दर्दनाक मौत की कहानी है, बेहद हैरान कर देने वाली है।

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    दरअसल, यह पूरी घटना 25 फरवरी की है। उस आधी रात को एक बुलेट पर सवार होकर तीन नर्तकियां आर्केस्ट्रा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रही थीं। इसी दौरान लालू नगर के पास बरबीघा-शेखपुरा रोड में सड़क के किनारे लापरवाही से लगे ट्रक में तेज रफ्तार बुलेट ने टक्कर मार दी। इसमें आर्केस्ट्रा में काम करने वाली नर्तकियों के साथ-साथ बुलेट चला रहे एक युवक की भी जान चली गई।  जिन चार लोगों की मौत हुई, उनमें से तीन का परिवार आ गया, लेकिन बंगाल की रहने वाली नेहा नाम की डांसर का कोई अपना सामने नहीं आया। वहीं पुलिस ने भी इस मामले को झमेला समझ ठंडे बस्ते में डाल दिया।

    प्रेमी ने भी मोड़ लिया मुंह, बंद कर लिया मोबाइल

    इस मामले में बरबीघा के थानाध्यक्ष सुनील दत्त बताते हैं कि घटना में दो की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने घायल नेहा और एक अन्य को बरबीघा रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से दोनों को पावापुरी मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया, जहां दोनों की मौत हो गई। नेहा को छोड़कर सभी के परिजन आ गए।

    नेहा के पास से मिले मोबाइल नंबर पर जब संपर्क किया गया तो युवक ने खुद को प्रेमी बताया। फिर जब मौत की जानकारी देकर लाश ले जाने के लिए पुलिस ने संपर्क किया तो युवक ने मोबाइल बंद कर लिया। फिर संपर्क नहीं किया। हार कर पुलिस को लावारिस लाश की तरह नेहा की लाश का अंतिम संस्कार करना पड़ा। नेहा के हाथ में सैलानी दादा का टैटू भी बना हुआ था। पुलिस ने भी मामले की जांच बंद की दी है।

    गरीबी या चकाचौंध की जिंदगी ने धकेल दिया धंधे में

    इस घटना में स्थानीय नर्तकियों की पहचान बरबीघा के जयरामपुर थाना एवं शेखपुरा के मेहुस थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी के तौर पर हुई। कहते हैं कि गरीबी की मार के साथ-साथ चकाचौंध की जिंदगी ने दोनों को स्थानीय स्तर पर आर्केस्ट्रा के धंधे में धकेल दिया। इसकी जानकारी परिवार वालों को भी थी।

    बरबीघा थानाध्यक्ष सुनील दत्त कहते हैं कि दोनों स्थानीय नर्तकियों के पति भी लाश लेने के लिए तब सामने आए, जब उनको पांच लाख मुआवजा मिलने की जानकारी मिली।