Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकारी स्कूलों के मिड-डे मील से 'अंडा' गायब, शाकाहारी बताकर सभी बच्चों को दिया जा रहा फल

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 03:53 PM (IST)

    शेखपुरा के सरकारी स्कूलों में बच्चों की थाली से अंडा गायब है, जबकि सरकार ने पोषण के लिए मेनू में अंडा शामिल किया है। शिक्षक अंडे की जगह फल देकर खानापूर्ति कर रहे हैं, क्योंकि सरकार द्वारा निर्धारित अंडे का मूल्य बाजार मूल्य से कम है। शिक्षा विभाग निरीक्षण कर कार्रवाई की बात कह रहा है, वहीं शिक्षक मूल्य निर्धारण में सुधार की मांग कर रहे हैं।

    Hero Image

    मिड-डे मील से अंडा गायब

    जागरण संवाददाता, शेखपुरा। सरकारी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाला दोपहर के पके हुए भोजन की थाली से अंडा गायब हो गया है। बच्चों की थाली से अंडा गायब हुए लगभग दो वर्ष हो चुके हैं। 

    सरकार ने विद्यालयों के दोपहर के भोजन में बच्चों के पोषण को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को निर्धारित मेनू के साथ अतिरिक्त रूप से प्रत्येक बच्चा एक उबला हुआ अंडा देने का मानक तय किया है। मगर स्कूलों में  इस मानक को ताक पर रखकर गुरु जी एक केला या दूसरे फल बांटकर मेनू की खानापूर्ति की जा रही है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बच्चों को शाकाहारी बनाकर दे रहे फल

    अंडा के मानक को ताक पर रखने के पीछे सरकार का ही एक प्राविधान मौका उपलब्ध करा रहा है। इस प्राविधान में कहा गया है,जो बच्चे शाकाहारी हैं,उन्हें अंडा के बदले मौसमी फल देना है,मगर यहां अपने लाभ के लिए सभी बच्चों को शाकाहारी बनाकर उन्हें अंडे के बदले मौसमी फल के रूप में केला,सेव,नारंगी दिया जा रहा है। 

    इस संबंध में शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया एमडीएम का नियमित निरीक्षण और निगरानी की जाती है। इस क्रम में अनियमितता मिलने पर कार्रवाई भी की जाती है। एमडीएम में निर्धारित मेनू का पालन करने का निर्देश दिया हुआ है। 

    मौसमी फल के नाम पर केला

    इधर अंडे की अधिक कीमत की आड़ में कई विद्यालयों में बच्चों को मौसमी फल से भी वंचित रखा जा रहा है। मौसमी फल के नाम पर सर्दी में भी केला खिलाया जा रहा है,वो भी निचली कक्षा के बच्चों को नहीं दिया जाता है।

    शिक्षकों ने बताई परेशानी

    स्कूलों के एमडीएम से शुक्रवार को अंडा गायब होने को लेकर सरकारी विद्यालयों के प्रधान तथा शिक्षक अपना ठोस तर्क देते हैं। अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करने पर कई विद्यालयों के प्रधान ने बताया सरकार एक अंडे का मूल्य मात्र 5 रुपया निर्धारित किया हुआ है,जबकि बाजार में एक अंडा 8 रुपए में मिलता है। 

    आखिर प्रत्येक अंडे पर 3 रुपये का गैप कहां से और कैसे भरा जाएगा। कुछ शिक्षकों ने बताया मेनू का पालन करने के लिए प्रत्येक बच्चे को एक के बदले आधा अंडा देते हैं। 

    कई ने बताया शुक्रवार को अंडा देकर दूसरे दिनों के एमडीएम में कुछ कटौती करके उसकी क्षतिपूर्ति करते हैं। बिहार राज्य परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष श्रवण कुमार ने इसको लेकर सरकार से अंडा का मूल्य निर्धारण में बाजार की वास्तविक कीमत का आकलन करने की मांग की है।