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    नल-जल के ऑपरेटरों के मानदेय में हेराफेरी, डीएम ने संवेदक पर लगाया 19 लाख का जुर्माना

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 03:27 PM (IST)

    शेखपुरा में ऑपरेटरों के मानदेय में अनियमितता बरतने वाले संवेदक पर डीएम ने कार्रवाई की है। डीएम ने संवेदक पर 19 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार् ...और पढ़ें

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    नल-जल योजना में भ्रष्टाचार। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, शेखपुरा। नल-जल के ऑपरेटरों के मानदेय से अपनी जेब भरने वाले संवेदकों पर जिलाधिकारी ने अपनी लगाम कसनी शुरू कर दी है। इसी तरह की कार्रवाई में मालदह पंचायत के फेदालीबीघा गांव के नल-जल संवेदक पर 19 लाख 476 रुपया का जुर्माना किया गया है तथा संवेदक के विरुद्ध श्रम आयुक्त, मुंगेर के न्यायालय में केस भी दर्ज कराया गया है। जिलाधिकारी के आदेश पर यह कार्रवाई श्रम अधीक्षक ने की है।

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    इधर एक संवेदक की लगाम कसने के साथ श्रम विभाग समूचे जिले के नल-जल के ऑपरेटरों के मानदेय को लेकर गंभीर हो गया है,जिसमें अगले सप्ताह तह कई और संवेदकों के विरुद्ध इस तरह की कार्रवाई हो सकती है। जिला में नल-जल के 557 ऑपरेटर हैं,जिन्हें योजना के संवेदक द्वारा मानदेय का भुगतान किया जाता है।

    जिला में नल-जल के लगभग 80 संवेदक हैं। श्रम अधीक्षक राजेश सिंहा ने बताया सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी प्रति दिन 444 रुपये के हिसाब से भुगतान करना है। मगर कई जगहों से शिकायत मिलती है, जिसमें संवेदक आपरेटरों को काफी कम मानदेय का भुगतान करते हैं।

    जिलाधिकारी के आदेश के बाद अब समूचे जिले में नल-जल योजना के ऑपरेटरों के मानदेय भुगतान की जांच की जा रही है। इसके लिए जिला स्तर पर जांच समिति भी बनाई गई है।

    ऐसे सामने आया मामला

    12 दिसंबर को फेदालीबीघा गांव के नल-जल ऑपरेटर मधु कुमार ने जिलाधिकारी के साप्ताहिक जनता दरबार में आवेदन देकर 17 महीने से मानदेय नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी। ऑपरेटर ने अपने संवेदक पर मानदेय नहीं देने के साथ पहले जो भुगतान हुआ है,उसमें भी काफी कम राशि देने की बात कही थी।

    जिलाधिकारी शेखर आनंद ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराई तब सारा मामला सामने आया। श्रम अधीक्षक ने बताया न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 444 रुपये से कम देना सरकारी नियमों का उलंघन है।

    पीएचईडी देता है संवेदक को पैसा

    पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता रंजीत कुमार ने बताया नल-जल योजना के ऑपरेटरों के मानदेय भुगतान सहित बिजली बिल और रख-रखाव के लिए विभाग संवेदकों को राशि का भुगतान करता है। संवेदकों को राशि का यह भुगतान संवेदक द्वारा बिल प्रस्तुत करने पर दिया जाता है।

    नल-जल योजना का लाभ लेने वाले नागरिकों से प्रतिदिन के हिसाब से राशि वसूल किया जाना है। नागरिकों से वसूली का काम वार्ड समिति को करना है। इस मामले में पूरा अधिकार वार्ड समिति को ही है।