Chhath Puja: 5 सदी से आस्था का केंद्र बना है दाल कुआं, शेरशाह ने करवाया था निर्माण; बनता है छठ का प्रसाद
शेखपुरा का दाल कुआं पांच सदियों से छठ पूजा की आस्था का केंद्र है। इसका निर्माण शेरशाह सूरी ने 1534 में करवाया था। आज भी शहर के कई घरों में छठ पूजा का प्रसाद इसी कुएं के पानी से बनता है। खरना के दिन लोग यहां से पानी भरकर ले जाते हैं।
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छठ का प्रसाद बनाने के लिए दाल कुआं से पानी ले जाते लोग। (जागरण)
जागरण संवाददाता, शेखपुरा। सनातन में आस्था और परंपरा को हमेशा उच्च प्राथमिकता दी जाती है। इसमें जब छठ पूजा की बात हो तो, इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
छठ की इसी आस्था और परंपरा का जीवंत प्रतीक पिछली पांच सदियों से शेखपुरा के दाल कुआं बना हुआ है। शेखपुरा नगर क्षेत्र के पच्छिमी छोर पर घनी आबादी वाले मोहल्ले खांडपर स्थित इस कुआं का निर्माण शेरशाह सूरी ने 1534 ईस्वी में कराया था।
क्षेत्र के इतिहास के जानकार प्रो. लालमणि विक्रांत बताते हैं 1903 में प्रकाशित मुंगेर गजट (आधिकारिक दस्तावेज) में दाल कुआं से जुड़ा उक्त तथ्य अंकित है।
इस कुएं का जुड़ाव छठ पूजा से बना हुआ है। शहर के सैकड़ों घरों में छठ पूजा का प्रसाद 5 सदी पुराने इसी कुएं के पानी से बनता है।
खरना के दिन लोग सुबह से ही नहा-धोकर घरों में प्रसाद बनाने के लिए इस कुएं का पानी लेने आते हैं। दोपहर बाद तक इस कुएं पर पानी के लिए लोगों की भीड़ रहती है।
पुराने लोगों का मानना है पहले कुआं, चापाकल और नलकूप की कमी थी, जिसके कारण लोग इसी कुएं का पानी का उपयोग पीने के साथ पर्व-त्योहार में प्रसाद बनाने के लिए भी करते हैं।
अब हर घरों में अपने निजी नलकूप या शहरी जलापूर्ति का पानी उपलब्ध है, उसके बाद भी छठ के प्रसाद के लिए इसी 5 सौ वर्ष पुराने कुएं के पानी का उपयोग होना, साधन और सुविधा से अधिक आस्था और परंपरा से दर्शाता है।

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