बिहार के स्कूल में अब गिल्ली-डंडा, लुकाछिपी और कंचा खेलेंगे बच्चे, सरकार के आदेश से होगा ऐसा
स्कूल में बच्चे गिल्ली-डंडा लुकाछिपी और कंचा खेलेंगे। बिहार में बैगलेस शनिवार सुरक्षित शनिवार अभियान की शुरुआत की गई है। बच्चों को स्कूल बैग और किताब ...और पढ़ें

अरुण साथी, शेखपुरा: बिहार में अब सरकारी आदेश पर स्कूल में बच्चे गिल्ली-डंडा, लुकाछिपी और कंचा खेलेंगे। जी हां, यह आपको सुनने में आश्चर्यजनक लग रहा होगा परंतु सच है। दरअसल, बिहार में बैगलेस शनिवार सुरक्षित शनिवार, अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान में शनिवार को बच्चों को स्कूल बैग और किताब लेकर नहीं पहुंचने का निर्देश दिया गया है। साथ ही हर महीने अलग-अलग तरह की गतिविधियों और नवाचार के बारे में निर्देशित किया गया है। शिक्षा विभाग के द्वारा जारी इस निर्देश पत्र में नवंबर महीने में शनिवार को मैं हूं खिलाड़ी अभियान के तहत स्थानीय खेल को महत्व देने के लिए शिक्षकों को निर्देशित किया गया है, जिसमें गिल्ली-डंडा, कंचा और लुकाछिपी का भी जिक्र है।
सुरक्षित शनिवार वैगन व्हील जारी
12 महीने के लिए अलग-अलग नवाचारों का जिक्र किया गया है।
जनवरी - मैं हूं वैज्ञानिक
फरवरी- मैं हूं साहित्यकार
मार्च- मैं हूं विरासत प्रेमी
अप्रैल- मैं हूं निर्माणकर्ता
मई- मैं हूं प्रबंधनकर्ता
जून- मैं हूं कलाकार
जुलाई- मैं हूं स्वच्छता प्रेमी
अगस्त- मैं हूं देशभक्त
सितंबर- मैं हूं शिक्षक
अक्टूबर- मैं हूं अनुसंधानकर्ता
नवंबर- मैं हूं खिलाड़ी
दिसंबर- मैं हूं समाज सेवक
विभिन्न स्कूलों में कई तरह के खेल का आयोजन
जिले के विभिन्न स्कूलों में इस शनिवार को कई तरह के खेलों का आयोजन किया गया। अरियरी प्रखंड के मध्य विद्यालय कसार और टाडापर में चूहा बिल्ली और खो खो खेल का आयोजन हुआ। चेवाड़ा के बेलखुडी में जुंबा और कबड्डी का आयोजन हुआ। बरबीघा के कन्या मध्य विद्यालय में छात्राओं को क्रिकेट खेलने का मौका दिया गया।
खेलों को देना है महत्व
इसको लेकर शिक्षा विभाग के शेखपुरा के बीइओ अश्वनी कुमार ने बताया कि बैठक कर सभी एचएम को निर्देश दिया गया है। संभाग प्रभारी सुधीर मोहन ने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा जारी किए गए निर्देश पर मैं हूं खिलाड़ी अभियान में स्थानीय खेलों की सहभागिता रहनी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ओम प्रकाश सिन्हा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्थानीय खेलों को महत्व देना है।

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