बीमार नौकर को मालिक ने मरने के लिए छोड़ा, पराये ने बचा ली जान
जासं शेखपुरा शेखपुरा जिले के जयरामपुर थाना के तोयगढ़ गांव में एक किसान के द्वारा

जासं, शेखपुरा:
शेखपुरा जिले के जयरामपुर थाना के तोयगढ़ गांव में एक किसान के द्वारा किसी मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर दिलीप नामक एक व्यक्ति को गांव लाया गया। यह कहां का निवासी है कोई नहीं जानता। अपने घर में रख कर मेहनत मजदूरी नौकर की तरह करवाया गया। जब वह व्यक्ति बीमार हो गया तो उसे छोड़ दिया गया। वह मरणासन्न हो गया। इसकी सूचना गांव के लोगों ने बुजुर्गों के संगठन चला रहे शेरपर निवासी विजय कुमार चांद को दी।
उन्होंने पहल करके माउर में विवेकानंद आश्रम चला रहे सेवानिवृत्त अभियंता सत्येंद्र सिंह को दिया। फिर उन्होंने उस व्यक्ति को वहां से लाकर स्थानीय चिकित्सक डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह के यहां भर्ती कराया। जहां 10 दिनों तक निशुल्क उसका इलाज हुआ। सारे जांच किए गए। उसके पेशाब के रास्ते में बड़ी खराबी पाई गई। यूरोलॉजी विभाग का यह पूरा मामला बताया। साथ ही शरीर में खून की मात्रा बिल्कुल ही शून्य बताया। सत्येंद्र सिंह उसे लेकर पीएमसीएच में गए और वहां भर्ती कराया। 30 दिनों तक वहां रहने के बाद चार यूनिट खून उसको चढ़ाया गया। वे अपने घर से भी उसके लिए भोजन और पौष्टिक आहार देते रहे। लगातार देखभाल की। सत्येंद्र सिंह कहते हैं कि समाजवादी नेता शिवकुमार के सहयोग से दो यूनिट और उनके संगठन विवेकानंद आश्रम के सेवकों के माध्यम से दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था हो गई। अब वह बिल्कुल स्वस्थ है। हर्निया का ऑपरेशन करने की तैयारी पीएमसीएच के डॉक्टर कर रहे हैं। जबकि इसके बाद यूरोलॉजी में इसका ऑपरेशन किया जाएगा।
कलेक्ट्रेट परिसर में खुला जिले का 7वां नीरा बिक्री केंद्र
जागरण संवाददाता शेखपुरा
शनिवार को शेखपुरा कलेक्ट्रेट परिसर में नीरा बिक्री केंद्र का शुभारंभ हुआ। नीरा बिक्री का यह जिले में 7वां केंद्र है। जिले के सभी छह प्रखंडों में पहले से एक-एक नीरा बिक्री केंद्र चल रहा है। नीरा की बिक्री जीविका के माध्यम से कराई जा रही है। शनिवार को कलेक्ट्रेट परिसर में भी नीरा केंद्र का शुभारंभ जीविका के अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। यह केंद्र स्थायी रूप से काम करेगा। पहले ही दिन इस केंद्र पर लोगों की काफी भीड़ देखी गई। कई लोग नीरा के बारे में जानकारी ली तो कई ने इसका स्वाद भी चखा। अभी नीरा की बिक्री 10 और 15 रुपये प्रति ग्लास की दर से की जा रही है। जीविका के अधिकारी ने बताया कि एक पखवाड़ा पहले ही जिले में नीरा की बिक्री शुरू हुई है। इसके चाहने वालों को संख्या में लगातार इजाफा भी रहा है। अगर इसका सेवन करने वालों की संख्या इसी तरह बढ़ती रही तो मई महीने में कई और बिक्री केंद्र भी शुरू किए जा सकते हैं। अभी जिले में प्रतिदिन औसतन साढ़े 7 सौ लीटर नीरा उत्पादन का काम हो रहा है, जिसमें 90 फीसद की बिक्री हो रही है। जीविका मई महीने के अंत तक 25 हजार लीटर नीरा उत्पादन का लक्ष्य बनाया है। नीरा उत्पादन के लिए जिले में अभी तक 78 ताड़ छेबकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ताड़ी एक बजाय नीरा का सेवन करने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
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