Bihar Politics: 'बिहार को 20 सांसदों का नुकसान', विधानसभा चुनाव से पहले सुर्खियों में रालोमो नेता का बयान
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) ने जनसंख्या के आधार पर संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन की मांग की है। पार्टी का कहना है कि बिहार को 20 सांसदों का नुकसान हो रहा है जिससे विकास प्रभावित हो रहा है। रालोमो ने 2026 में होने वाले परिसीमन में जनसंख्या को आधार बनाने की मांग की है और इसके लिए रैलियां करने की घोषणा की है।

जागरण संवाददाता, शेखपुरा। केंद्र की एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने संसद तथा बिहार विधानसभा के क्षेत्रों का परिसीमन जनसंख्या के आधार पर करने की मांग की है।
पार्टी ने कहा है देश में पिछले 50 वर्षों से संसदीय क्षेत्रों का परिसीमन नहीं हुआ है, जिसका असर बिहार जैसे गरीब प्रदेश के विकास पर पड़ रहा है।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव फजल इमाम मलिक तथा प्रदेश महासचिव चंदन कुशवाहा ने सोमवार को प्रेस वार्ता करके कहा कि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन नहीं होने से बिहार को संख्या के लिहाज से 20 सांसदों का नुकसान हो रहा है। इस नुकसान का असर विकास पर पड़ रहा है।
अभी बिहार में 40 सांसदों को क्षेत्र विकास के लिए 5-5 करोड़ मिलता है, अगर जनसंख्या के आधार पर परिसीमन हुआ तो यहां 60 सांसद होते और 60 सांसद को 5-5 करोड़ मिलता।
प्रेस वार्ता में पार्टी के जिलाध्यक्ष पप्पू राज मंडल सहित कई पदाधिकारी शामिल हुए। यह प्रेस वार्ता रालोमो के संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार संकल्प कार्यक्रम के तहत किया गया।
पार्टी के द्वय पदाधिकारी ने बताया 1951,1961 तथ्य 1971 में जनसंख्या के आधार पर संसदीय क्षेत्रों का परिसीमन हुआ था, मगर उसके बाद यह काम बंद पड़ा है, जबकि प्रत्येक 10 वर्ष पर नया परिसीमन होना चाहिए था।
परिसीमन के इसी मुद्दे को लेकर पार्टी 25 मई को रोहतास के विक्रमगंज तथा 8 जून को मुजफ्फरपुर में महारैली होगी। उन्होंने बताया कि 2026 में नया परिसीमन प्रस्तावित है, जिसके लिए पार्टी जनसंख्या को आधार बनाने की मांग करती है।
अभी दक्षिण भारत में औसतन 20 से 21 लाख की आबादी पर एक सांसद चुने जाते हैं, मगर बिहार सहित उत्तर भारत में औसत 31 लाख हो जाता है।
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