Bihar Chunav: आसान नहीं नेपाल से आई 'दुल्हन' का मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना, क्या है नियम?
नेपाली महिलाओं को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने में परेशानी हो रही है। सात साल पहले शादी करने वाली महिलाओं को भी दस्तावेज संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निर्वाचन आयोग के नए नियम के अनुसार 1987 के बाद जन्मी महिलाओं को नागरिकता प्रमाण पत्र देना होगा जिससे वे मतदाता बन सकें।
नीरज, शिवहर। सात साल पूर्व मतदाता सूची में नाम शामिल होने व कई बार मतदान करने वाली भारत में ब्याही नेपाली महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान के तहत नेपाल में शादी करने वाले लोगों के लिए अपनी पत्नी का नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने या पूर्व से दर्ज नाम का सत्यापन कराने के लिए कोई प्रमाणपत्र नहीं है।
शिवहर के पुरनहिया निवासी विकास राम ने बीते लगन में नेपाल में शादी की थी। वह अपनी पत्नी का नाम सूची में कैसे दर्ज कराएं और कौन सा प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएं, इसके लिए परेशान हैं। उनकी तरह जिले में करीब 11 हजार ऐसी महिलाएं हैं, जिनका मायका नेपाल में है।
बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के पास भी इसका स्पष्ट जवाब नहीं है। हालांकि, सरकारी प्रविधान के तहत इन लोगों को विवाह प्रमाणपत्र और नागरिकता प्रमाणपत्र देना होगा। नागरिकता के लिए आवेदन करने पर भी एक माह में प्रमाणपत्र उपलब्ध होना आसान नहीं दिख रहा।
रानी देवी को मिला फॉर्म।
पुरनहिया प्रखंड के दोस्तियां निवासी रामकुमार साह ने रानी देवी से सात साल पूर्व शादी की थी। दोनों का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है। रानी देवी पति के साथ लोकसभा, विधानसभा व पंचायत चुनाव में मतदान भी कर चुकी हैं। वह सरकार की योजनाओं का लाभ भी उठा रही हैं, लेकिन चुनाव आयोग के ताजा आदेश के चलते वे परेशान हैं।
रामकुमार बताते हैं कि नागरिकता प्रमाणपत्र की प्रक्रिया लंबी है। कई स्तरों पर जांच होगी। इसमें छह माह से अधिक का वक्त लग सकता है। जांच की प्रक्रिया के दौरान कोई अधिकार नहीं होगा। बैंक खाता तक भी सीज रहेगा।
यह है नियम
सहायक निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ अविनाश कुणाल बताते हैं कि भारतीय नागरिक से विवाह कर चुके विदेशी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
आवेदक का विवाह कम से कम सात वर्ष पूर्व हुआ हो और वह भारत में पिछले 12 महीने से लगातार रह रहा है। पिछले 14 वर्षों में कम से कम 11 वर्ष भारत में निवास किया हो।
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। विवाह प्रमाणपत्र, भारतीय जीवनसाथी का नागरिकता प्रमाण, पासपोर्ट व निवास प्रमाण आदि आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आवेदन के बाद जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा सत्यापन कर अंतिम निर्णय लिया जाता है।
निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार नेपाल में शादी करने वाले लोगों को उनकी पत्नी, जिनका जन्म 1987 के बाद हुआ है, उन्हें मतदाता बनने के लिए नागरिकता प्रमाण देना होगा। -विवेक रंजन मैत्रेय, जिलाधिकारी, शिवहर
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