PM Awas Yojana: पीएम आवास योजना में हो रहा बड़ा 'खेल', लाभार्थी के बदले दूसरे के खाते में भेज दी सरकारी रकम
शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। अंबाकला गांव में कई लाभार्थियों की पहली किस्त की राशि गलत खातों में ट्रांसफर कर दी गई है। पार्वती देवी नाम की एक महिला ने जिलाधिकारी से शिकायत की है जिसमें आवास सहायक पर आरोप लगाया गया है। जांच चल रही है और रिकवरी का आश्वासन दिया गया है।

संवाद सहयोगी, शिवहर। PM Awas Yojana: पहले आवास योजना की सूची में नाम दर्ज कराने के लिए रिश्वत वसूले गए और जब आवास स्वीकृत हुआ तो लाभार्थी की आवास मद की राशि का पहला किस्त दूसरे के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना में सर्वेक्षण से लेकर सूची निर्माण तक भ्रष्टाचार छाया जा रहा। अब राशि ट्रांसफर करने में हेराफेरी का मामला सामने आया है।
ताजा मामला पिपराही प्रखंड के अंबाकला का है। यहां आधा दर्जन लाभुकों के आवास योजना की पहले किस्त की 40 हजार की राशि वास्तविक लाभार्थी के बदले दूसरे के बैंक खाते में हस्तांतरित कर दिया गया है।
मामले को लेकर अंबाकला वार्ड पांच निवासी पार्वती देवी ने जिलाधिकारी व बीडीओ को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। आवेदन में अंबा उत्तरी के आवास सहायक बाल विक्रम रंजन पर दूसरे के बैंक खाते में पैसा भेजने का आरोप लगाया है।
बताया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनका नाम चयनित हुआ था। प्रथम किस्त की 40 हजार की राशि उनके खाते में नहीं आई। वह आवास सहायक से लेकर प्रखंड कार्यालय तक का चक्कर काटती रही।
हर बार बैंक खाते की जांच की बात कहीं जाती। वहीं, बताया जाता कि पहले किस्त का भुगतान हो चुका है। कई बार बैंक खाता चेक कराया। लेकिन पैसा उनके खाता में नहीं आया।
बताया कि बाद में पता चला कि आवास सहायक द्वारा 40 हजार रुपये का भुगतान गलत तरीके से किसी अन्य व्यक्ति के खाता में भेजा दिया गया है। बताया है कि उनकी तरह आधा दर्जन लोगों का पैसा भी गलत तरीके से दूसरे के बैंक खाते में भेज दिया गया है।
इधर, आवास पर्यवेक्षक अजीत कुमार ने माना है कि पार्वती देवी की प्रथम किस्त की राशि आवास सहायक की गलती से दूसरे के खाते में चला गया है। राशि की रिकवरी कराते हुए सही लाभुक के खाते में पैसा भेजा जाएगा।
बताते चलें कि आवास योजना के तहत पिछली बार फर्जी तरीके से लाखों की राशि की हेराफेरी की गई थी। पिछली बार यूपी में रह रहे लोगों के बैंक खाते में राशि हस्तांतरित की गई थी। यह मामला अब तक जांच में ही झूल रहा है।
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