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    फाइलेरिया रोगियों का बनाया जा रहा दिव्यांगता प्रमाण पत्र, किट का भी वितरण

    By Neeraj Kumar Edited By: Ajit kumar
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 02:14 PM (IST)

    शिवहर के ताजपुर में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत रोगियों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें उन्हें विकलांगता निवारण किट दिए गए। डॉ. विक्की कुमार ने मरीजों को साफ-सफाई और उपचार के महत्व के बारे में बताया। मनोज कुमार ने किट के उपयोग की विधि समझाई। जिले में फाइलेरिया रोगियों के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी बनाए जा रहे हैं।

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    रोग प्रबंधन एवं देखभाल पर विशेष कार्यशाला आयोजित। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, शिवहर। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सोमवार को शिवहर प्रखंड स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ताजपुर में फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

    इस अवसर पर मरीजों को रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता निवारण कीट का वितरण किया गया, जिससे वे घर पर ही अपने घावों और पैरों की बेहतर देखभाल कर सकें। कार्यशाला की अध्यक्षता चिकित्सा पदाधिकारी डा. विक्की कुमार ने की।

    कार्यक्रम में फाइलेरिया मरीजों को हाथी पांव की नियमित सफाई, सूजन कम करने के उपाय, और संक्रमण से बचाव की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि समय पर देखभाल से इस बीमारी के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

    डॉ. विक्की ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी है। मरीजों को लगातार साफ-सफाई और उपचार की आवश्यकता होती है। एमएमडीपी किट उनके लिए बहुत सहायक साबित होगी।

    भीबीडीएस मनोज कुमार ने किट में मौजूद सामग्री जैसे साबुन, टावेल, एंटीसेप्टिक व अन्य उपकरणों के उपयोग की विधि करके दिखाया व मरीजों को समझाई गई। इसमें ग्रामीण चिकित्सक की भी अहम भूमिका रही। इस दौरान कुल 15 मरीज को एमएमडीपी कीट दिया गया।

    वही पीरामल स्वास्थ्य कार्यक्रम पदाधिकारी संचारी रोग नवीन मिश्रा ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मरीजों को आत्मनिर्भर बनाना और बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना था।

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    कार्यक्रम के अंत में सभी मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की गई और उन्हें नियमित देखभाल की सलाह दी गई साथ ही सभी को रात्रि रक्त पट संग्रह के दौरान जांच कराने को कहा गया जो 18 वर्ष के ऊपर 300 लोगों की मुफ्त जांच की जायेगी।

    कार्यक्रम में प्रखंड प्रबंधक विवेक कुमार, भीबिडीएस मनोज कुमार एवं संचारी रोग कार्यक्रम पदाधिकारी नवीन मिश्रा (पिरामल स्वास्थ्य), एएनएम हीरावती कुमारी, सुधा कुमारी, डीईओ निर्भय कुमार आशा फैसिलिटेटर निर्मला देवी एवं ताजपुर सभी आशा भी उपस्थित रहे।

    इधर, फाइलेरिया रोग के कारण दिव्यांग हुए लोगों में दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत करने की शुरूआत भी जिले में हो चुकी है। फाइलेरिया के कारण जिस व्यक्ति में 40 प्रतिशत से अधिक अपंगता पाई जाएगी उन्हें दिव्यांगता का प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है।

    फाइलेरिया मरीज में दिव्यांगता का प्रतिशत उसके फाइलेरिया की गंभीरता यानी उनके स्टेज और शरीर के क्रियाकलापों में असुविधा को देख कर दिया जाता है। अक्टूबर माह तक 146 फाइलेरिया रोगियों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जा चुका है।