मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की राशि पर साइबर अपराधियों की नजर, रुपये आते ही एक्टिव हुए फ्रॉड
शिवहर में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के नाम पर साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं। वे महिलाओं को फोन करके ओटीपी मांगते हैं ताकि उनके खाते से पैसे निकाल सकें। कई महिलाएं जागरूक हैं और उन्होंने ओटीपी देने से इनकार कर दिया जिससे वे ठगी से बच गईं। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी को भी ओटीपी शेयर नहीं करने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, शिवहर। पिपराही निवासी कौशल्या देवी के मोबाइल पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने पूछा मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) के तहत 10 हजार रुपये खाते में आए हैं। उन्हें दस हजार की राशि नहीं मिली थी लिहाजा, उत्सुकता हुई। कॉल करने वाले ने खाता चेक करने का झांसा देकर नाम-पता सहित कई जानकारी महिला से ली और बातचीत के क्रम में मोबाइल पर मिला ओटीपी मांगा।
ओटीपी का नाम सुनते ही महिला समझ गई कि यह कोई फ्रॉड है। उसने तुरंत कॉल डिसकनेक्ट कर दिया। महिला ठगी से बच गई। कुछ इसी तरह की घटना पुरनहिया की पूनम देवी के साथ हो गई, लेकिन उसने भी जागरूकता का परिचय दिया और कॉल करने वाले की जमकर क्लास लगाते हुए फोन काट दिया।
हालांकि, पिपराही की ही सरोज देवी साइबर फ्रॉड के चक्कर में आकर अपने खाते में रखे गए 500 रुपये गंवा बैठी।
दरअसल, जिले में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं के खाते में दस हजार रुपये आने का दौर जारी है। इसके साथ ही साइबर क्रिमिनल सक्रिय हो गए हैं। महिलाओं को कॉल कर बताया जा रहा है कि उनकी राशि खाते में आ गई है।
महिलाओं द्वारा पैसा नहीं आने की बात कहने पर उन्हें झांसा देकर राशि की जांच के नाम पर ओटीपी मांगा जा रहा है। हालांकि, दर्जनों महिलाओं ने ओटीपी मांगे जाने पर कॉल काट कर अपने पैसे लूटने से बचा लिए हैं, लेकिन अब भी महिलाओं को लगातार कॉल आ रहे हैं।
दोस्तियां की सीमा देवी ने बताया कि बदमाश पहले से सक्रिय हैं जो महिलाओं को अलग-अलग सपने दिखाकर उनके खून-पसीने की कमाई पर डाका डालते रहे हैं, लेकिन अब जबकि महिलाओं के खाते में दस हजार आने का दौर जारी है तो ठग मोबाइल पर कॉल कर उन्हें ठगने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन महिलाएं अब काफी जागरूक हुई हैं।
थानों की पुलिस भी लगातार जागरूकता अभियान चलाकर महिलाओं को साइबर क्राइम से बचने की जानकारी दे रही है। अधिकांश महिलाएं ओटीपी नहीं देने, अनजान लिंक को क्लिक नहीं करने और फेसबुक को लॉक करना जान गई हैं।
पिपराही थानाध्यक्ष उमाशंकर सिंह बताते हैं कि अब तक थाने में कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। बताते हैं कि जिले में साइबर सेल की स्थापना की गई है। साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराए जाने पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने महिला सहित तमाम लोगों से अलर्ट रहने व किसी को भी ओटीपी, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का पिन या किसी भी प्रकार के पासवार्ड शेयर नहीं करने की अपील की है।
जिले में फैला है साइबर अपराधियों का जाल:
जिले में साइबर अपराधियों का जाल फैला है। अपराधियों द्वारा पूर्व में तत्कॉलीन डीएम-एसपी, उद्योग महाप्रबंधक, खनन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग के अलावा सैकड़ों लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपये की चपत लगाया जा चुका है। कइयों के बैंक खाते से की गई फर्जी निकासी के रुपयों को साइबर सेल द्वारा वापिस कराया जा चुका है। हालांकि अब भी दर्जनों मामले लंबित है। दशहरा से लेकर छठ तक व होली के अवसर पर साइबर अपराधियों की सक्रियता बढ़ जाती है।
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