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    Bihar Election 2025: टिकट मिले न मिले...दावा भरपूर, रण में कूदने को तैयार डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता और व्यवसायी

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 04:11 PM (IST)

    Bihar Assembly Election 2025 विधानसभा चुनाव में शिवहर के रण में इस बार सामान्य दलों के नेता के साथ साथ डाक्टर इंजीनियर अधिवक्ता और व्यवसायी चुनाव मैदान में उतरने को तैयार बैठे हैं। इतना ही नहीं वे चुनाव लड़ने की चाह में दिल्ली-मुंबई से लौट रहे। इंटरनेट मीडिया पर अपनी एक्टिविटी और कनेक्टिविटी दिखा रहे।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

     नीरज, शिवहर। बिहार विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही परदेसियों के गांव लौटने का सिलसिला तेज हो गया है। मैदान में उतरने के लिए नेताओं के अलावा डाक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, व्यवसायी और उद्योगपति भी तैयार हैं। कोई थर्मामीटर से चुनावी तापमान माप रहा तो कोई समीकरण समझ रहा।

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    समाजसेवा का पुण्य-प्रताप

    रुपये-पैसे का जोर है ही, समाजसेवा का पुण्य-प्रताप भी। टिकट मिले न मिले, दावा भरपूर है। इंटरनेट मीडिया का मंच है, धुआंधार रीलबाजी हो रही। कोई दिल्ली से पार्टी का दामन थामे लौट रहा तो कोई पटना में चेहरा चमका रहा है।

    गांव की याद आ रही

    परदेस में रहने वाले व्यवसायी व उद्योगपतियों को भी चुनावी शोर सुनाई देने लगी है। इस मौसम में गांव की याद आ रही और लौट रहे। कुछ लोग अभी दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में रहकर ही इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय हैं। ये चुनावी अधिसूचना के बाद पहुंचेंगे, फिलहाल एक्टिविटी और कनेक्टिविटी बनाए हुए हैं।

    पिता की विरासत संभाल रहे मो. वाकिफ

    शिवहर से कई बार चुनाव लड़ चुके मो. जफीर आलम के बेटे मो. वाकिम घूम रहे हैं। जफीर आलम ने वर्ष 1967, 1969, 1977 और 1980 का चुनाव लड़ा था। वर्ष 1980 में जफीर ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पंडित रघुनाथ झा को कड़ी चुनौती थी दी।

    विरासत को संभालने की तैयारी

    उस चुनाव में 46 हजार 542 मत प्राप्त कर महज साढ़े आठ हजार वोट से हारे थे। अब उनके बेटे पिता की विरासत को संभालने की तैयारी में हैं। पिछली बार भी उन्होंने पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी से चुनाव लड़ा था। उस दौरान तत्कालीन विधायक मो. शरफुद्दीन के साथ विवाद में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। वह बाहर व्यवसाय करते हैं। एक बार फिर लौटने की तैयारी में हैं।

    लौटने वाले खोज रहे पार्टी

    दिल्ली के बिल्डर और तरियानी निवासी अंगेश कुमार सिंह उर्फ अंगराज भी दिल्ली में रहकर चुनावी नब्ज पर पकड़ बनाए हुए हैं। पिछली बार उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा था। इस बार किसी पार्टी से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।

    आधा दर्जन लोग मैदान में उतरने की तैयारी

    वह तेज प्रताप के खास माने जाते हैं। दिल्ली और महाराष्ट्र में कारोबार करने वाले शिवहर के आधा दर्जन लोग भी इस बार मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

    जमा-जमाया व्यवसाय छोड़कर लौट रहे लोग

    शिवहर के रण में उतरने के लिए कई चिकित्सक भी तैयार हैं। चुनाव तापक्रम पर नजर बनाए साम्य स्थिति का इंतजार कर रहे हैं। डा. नूतन सिंह व पूर्व स्वास्थ्य उपनिदेशक डा. मेहंदी हसन घूम रहे हैं। भोजपुरी फिल्मों की अभिनेत्री डा. अर्चना सिंह के दावे भी खूब हैं।

    टिकट की कतार में

    इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट की शिक्षा हासिल करने वाले लोग भी टिकट की कतार में हैं। व्यवसायी व भाजपा के बागी राधाकांत गुप्ता राजद और उद्योगपति नीरज सिंह जनसुराज में आगे-पीछे कर रहे हैं। जनसुराज से ही व्यवसायी सह कांट्रैक्टर रामाधार साह मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

    बैटिंग करने के लिए तैयार

    दिल्ली से व्यवसाय छोड़कर राकेश झा फिलहाल राजद का झंडा ढो रहे हैं, उनका बायोडाटा भी पार्टी हाईकमान में पहुंचा है। इधर, अधिवक्ता मनोज कुमार, डिग्री कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. अजय कुमार सहित कई लोग चुनावी रण में बैटिंग करने के लिए तैयार हैं।