Bihar Election: छोटे दल और निर्दलीय बिगाड़ेंगे बड़े दल-गठबंधन का 'खेल', शिवहर में दिलचस्प मुकाबला!
शिवहर में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है। टिकट बंटवारे से पहले ही हर दल में दावेदारों की लंबी कतार है। छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी बड़े दलों का खेल बिगाड़ने के लिए तैयार हैं। पिछले चुनावों में भी बागियों और छोटे दलों ने एनडीए को नुकसान पहुंचाया था। इस बार भी ऐसे ही हालात बनने की आशंका है, जिससे मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।

नीरज, शिवहर। अभी न तो सीट शेयरिंग हो पाई है और न ही टिकटों का बंटवारा। हर दल, गठबंधन में टिकटार्थियों की लंबी कतार लगी है। एक सीट पर एक दल से 10-10 उम्मीदवार कतार में है। भाजपा, राजद, जदयू, जन सुराज और कांग्रेस जैसे बड़े दल ही नहीं, चुनाव लड़ने वालों ने छोटे दलों की भी अहमियत बढ़ा दी है।
लोजपा-रामविलास, लोजपा-पारस, हम, भाकपा, माकपा, रालोमो के अलावा बसपा, सपा, लोकदल, द प्लूरल्स पार्टी, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी, बज्जिकांचल विकास पार्टी, राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी, आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक व आप जैसे दल से टिकट के लिए कतार लगी हुई है।
जिन्हें इन दलों से भी टिकट नहीं मिला, वह निर्दलीय ही चुनाव लड़ने को तैयार हैं। टिकट वितरण के बाद बगावत का नारा भी बुलंद होगा। जाहिर है, छोटे दल और निर्दल भी बड़े दल-गठबंधन का बना बनाया खेल बिगाड़ेंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के बागी और लोजपा रामविलास ने एनडीए की नैया डूबो दी थी। पिछले चुनाव में शिवहर में लोजपा रामविलास के जिलाध्यक्ष विजय कुमार पांडेय ने 18 हजार 748 वोट और भाजपा के बागी राधाकांत गुप्ता ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी 14 हजार 178 सहित कुल 32 हजार 926 वोट काट लिए थे।
वहीं, छोटे दल व निर्दलीयों ने 28 हजार 800 वोट काट लिए थे। ये एनडीए प्रत्याशी के हार की वजह बनी थी। पिछले चुनाव में मैदान में 16 प्रत्याशी थे। इनमें राजद के चेतन आनंद ने जदयू के मो. शरफुद्दीन को हराया था। चेतन आनंद को 73143 व मो. शरफुद्दीन को 36457 मत मिले थे। बसपा के संजीव कुमार गुप्ता को 4049, जनता दल राष्ट्रवादी के श्रीनारायण सिंह को 3952
जन अधिकार पार्टी के मो. वामिक को 3415, द प्लूरल्स पार्टी के राजीव कुमार झा को 1248, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के संजय प्रसाद को 1173, बज्जिकांचल विकास पार्टी के अमरेंद्र कुमार को 1049, राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी के मो. मंत्जिर आलम को 940 व आल इंडिया फारवार्ड ब्लाक के नथुनी महतो को 810 मत मिले थे। कुल 3711 ने नोटा का बटन दबाया था। शेष मत निर्दलियों को मिले थे।
इसी तरह वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक ठाकुर रत्नाकर राणा ने 22 हजार 309 मत प्राप्त कर व सपा के अजीत कुमार झा ने 15891 मत प्राप्त कर एनडीए की हार सुनिश्चित करा दी थी।
अब जबकि टिकटों का एलान होने वाला है हर -दल गठबंधन में महासंग्राम छिड़ा है। जिन्हें टिकट मिला उनके लिए ठीक है लेकिन जिन्हें दल -गठबंधन का टिकट नहीं मिलता है वह छोटे दलों के संपर्क में है। वह चुनाव जितने के लिए नहीं बल्कि बड़े दल-गठबंधन के प्रत्याशियों की हार सुनिश्चित कराने के लिए मैदान में होंगे। वहीं कुछ नेता बगावत का झंडा बुलंद करेंगे जो निश्चित तौर पर चुनाव परिणाम को प्रभावित करेंगे।
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