Bihar Politics: बिहार की यह सीट है रोचक, एक परिवार और कई दावेदार; टिकट के लिए मचेगा घमासान!
शिवहर विधानसभा सीट पर आगामी चुनाव के लिए एक ही परिवार से कई सदस्य दावेदारी कर रहे हैं। राजद कांग्रेस और अन्य दलों से भी कई नेता टिकट की दौड़ में हैं। पूर्व सांसद के परिवार के सदस्य और व्यवसायी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। देखना यह है कि इस बार किस-किसको टिकट मिलता है और कौन बाजी मारता है। राजनीतिक दलों में टिकट को लेकर गहमागहमी जारी है।

नीरज, शिवहर। विधानसभा चुनाव में शिवहर सीट पर एक ही परिवार के कई लोग दावेदार हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित रघुनाथ झा के पौत्र व पूर्व विधायक अजीत कुमार झा के दोनों पुत्र नवनीत कुमार झा व राकेश झा राजद से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
दोनों का शिवहर की राजनीति में अच्छा प्रभाव है। नवनीत झा सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता है। शुरू से राजद में रहे वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला तो जदयू में शामिल हो गए। कुछ समय बाद फिर राजद में लौट गए।
वहीं, राकेश झा व्यवसायी है। दिल्ली से लेकर शिवहर तक उनका कारोबार है। वह शुरुआती दौर से भाजपा में रहे। दो माह पूर्व लालू प्रसाद व तेजस्वी यादव से मिलने के बाद राजद में शामिल हो गए। दोनों जनसंपर्क अभियान चला रहे है। दोनों का अपना-अपना जनाधार है।
कांग्रेस से यह हैं दावेदार
अब देखना होगा कि दोनों में से किसी को टिकट मिलता भी है या नहीं। पूर्व सांसद मो. अनवारुल हक के भतीजे मो. असद और उनकी पत्नी सह कांग्रेस जिलाध्यक्ष नूरी बेगम भी कांग्रेस से दावेदारों की सूची में हैं। अब तक इस सीट से राजद लड़ती रही है। इस बार कांग्रेस यह सीट राजद से मांग रही है।
मो. अनवारुल हक शिवहर से सांसद रहे है। भतीजे मो. असद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रहे है। वर्तमान में उनकी पत्नी नूरी बेगम कांग्रेस की जिलाध्यक्ष है। पूर्व में मो. असद व नूरी बेगम विधान परिषद चुनाव लड़ चुके है। हालांकि, दोनों को हार का सामना करना पड़ा था।
शिवहर में कांग्रेस को इसी दंपती ने बचाए रखा है। शिवहर के पूर्व सांसद सह राजद नेता सीताराम सिंह के पुत्र व मधुबन विधायक सह भाजपा नेता राणा रणधीर के भाई राणा रणजीत ओवैसी की पार्टी से मधुबन के अलावा शिवहर से भी दावेदार हैं।
वह ओवैसी की पार्टी से शिवहर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। राजपूत बहुल सीट होने की वजह से वह शिवहर में राजपूत व मुस्लिम वोट बैंक के सहारे राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश में लगे है।
पंडित रघुनाथ झा को हराने वाले पूर्व विधायक ठाकुर रत्नाकर राणा भी अपनी विरासत बचाने में लगे हुए है। उन्होंने वर्ष 1998 में राजद के टिकट पर पंडित रघुनाथ झा को हराया था। इसके बाद वह जदयू की टिकट पर दो बार व एक बार निर्दलीय भी चुनाव लड़ चुके है। लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
महान स्वतंत्रता सेनानी रहे ठाकुर नवाब सिंह के प्रपौत्र ठाकुर रत्नाकर राणा के पिता ठाकुर दिवाकर सिंह ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा।
जनसुराज से ये हैं दावेदार
वहीं, ठाकुर गिरजानंदन सिंह तीन बार विधायक रह चुके है। इसके अलावा राज दरबार परिवार से पूर्व सभापति अंशुमान नंदन सिंह व उनके चाचा सह वार्ड पार्षद गिरीशनंदन सिंह प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी से दावेदार हैं। अंशुमान नंदन सिंह शिवहर नगर निकाय के सभापति रह चुके है।
गिरिशनंदन सिंह प्रशांत वार्ड पार्षद है। साथ ही रेडक्रास व क्रिकेट संघों में सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे है। अंशुमान नंदन सिंह की मां भी नगर पंचायत की चेयर पर्सन रह चुकी है।
उधर, शिवहर शहर निवासी व बेलसंड विधायक संजय गुप्ता भी इस बार शिवहर से दावेदारी कर रहे है। उनके पिता ने व्यवसायी जगत से राजनीति की राह पकड़ी थी। पिता सत्यनारायण प्रसाद ने राजद के टिकट पर जीत दर्ज की थी। लेकिन तीन साल बाद ही उनका निधन हो गया।
दो साल के लिए संजय गुप्ता शिवहर से विधायक रहे। बाद में उन्हें बेलसंड से प्रत्याशी बनाया गया। जहां से उन्होंने दो जीत दर्ज की। एक बार हारना पड़ा।
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