किसान कृषि का मूल उद्देश्य समझें
शिवहर। शुक्रवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय योग विश्वविद्यालय के तत्वावधान में निकला किसान सश
शिवहर। शुक्रवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय योग विश्वविद्यालय के तत्वावधान में निकला किसान सशक्तिकरण रथ शिवहर पहुंच शहर का भ्रमण करते हुए मंगल भवन पहुंचा। जहां प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संचालिका बीके भारती की अध्यक्षता में किसान के सशक्तिकरण को लेकर कार्यक्रम का आयोजन कर किसानों को उन्नत खेती के गुर बताते हुए कृषि महत्व की जानकारी दी गई। बताया कि ज्ञानामृत व पंचगव्य के अछ्वभुत संयोग से शाश्वत यौगिक खेती करने को लेकर किसानों को प्रगतिशील बनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद प्रभारी डीएम सह डीडीसी वारिश खान ने किसानों को कृषि के वास्तविक उद्ेश्य को समझने पर जोर दिया। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में जिला कृषि पदाधिकारी विष्णु देव कुमार रंजन, नगर पंचायत अध्यक्ष अंशुमान नन्द ¨सह, पूर्व जिप पार्षद अजबलाल चौधरी, प्राचार्य उमेश नंदन ¨सह ने बताया की भारत कृषि और ऋषिमुनी की बनाई गई परंपरा का देश है। भारत में कृषि को एक आध्यात्मिक कार्य के रूप में मान्यता है। आज किसान को कृषि के वास्तविक उद्देश्य को लोगों तक पहुंचाना एवं जागरूक करना अति आवश्यक है। जबकी कृषि का उद्देश्य धन कमाना ही नही है। आधुनिकता के इस दौर में फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाना किसानों का एक मात्र लक्ष्य बन कर रह गया है। किसान का दायित्व बनता है कि वह ऐसा शुद्ध और पौष्टिक अनाज का उत्पादन करें, ताकि स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ समाज का निर्माण हो।
- दी गई खेती के विधियों की जानकारी
कार्यक्रम के दौरान किसानों को जैविक खाद, देशी गोवंश की कृषि में महत्व, केचुआ का कृषि में महत्व, बीजामृत से बीजोपचार, पंचगव्य प्रयोग, जीवामृत प्रयोग,धन जीवामृत, अच्छादान, फसल सुरक्षा, प्रकृति की सेवा, प्रकृति पुरुष और परमात्मा यौगिक खेती सहित कई अन्य विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। भाई डॉ उदय शंकर शर्मा ने बताया है कि सहज राजयोग के विभिन्न पहलुओं को सीखने के लिए अपने समीप के किसी भी ब्रह्मा कुमारी के सेवा केंद्र से संपर्क कर किसानों को सशक्तिकरण अभियान में भूमिका निभाने का आग्रह किया।
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