कार से लेकर सूई तक, जो भी खरीदना हो..सरकारी ई-पोर्टल 'जेम' है ना...
अब आप सूई से लेकर कार तक सब कुछ सरकार द्वारा बनाए गए ई पोर्टल से खरीद सकते हैंं। इससे सरकारी विभाग में सामग्री आदि की खरीद व सेवा लेने में की जाने वाली घपलेबाजी पर रोक लगेगी।
सारण [अमृतेश]। एक अप्रैल से सरकारी विभागों में 50 हजार रूपये की खरीदारी के लिए टेंडर नही होगा। खरीदारी के नियम में बड़ा बदलाव हो गया है। अब फिनाइल, झाडू, कलम जैसी छोटी खरीदारी से लेकर एसी एवं कोई भी बड़ी खरीदारी यहां तक भवन बनाने के लिए टेंडर नहीं होगा।
इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गये गर्वनमेंट ई-मार्केट प्लेस(जेम) पर जाकर ई खरीदारी करनी होगी। जिससे सरकारी विभाग में सामग्री आदि की खरीद व सेवा लेने में की जाने वाली घपलेबाजी पर रोक लगेगी। जेम को नेशनल पब्लिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल का रूप दिया गया है।
इस प्लेटफार्म पर आपूर्तिकर्ता अथवा विक्रेता के अलावा विभिन्न वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध रहेगी। जिससे सरकारी विभाग में खरीद व सेवा लेने की व्यवस्था की गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही भ्रष्टाचार भी रोक लगेगी।
क्या हैं जेम ? कैसे करेगा कार्य
केंद्र सरकार ने ई पोर्टल के जरिए जेम (गवर्नमेंट ई मार्केट) को तैयार किया है। जिसके जरिए सभी तरह की खरीदारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इस खरीदारी में कर्मियों एवं बिचौलियों की दखल खत्म हो जाएगी। जेम से देश भर के बड़े से छोटे कारोबारी जुड़ सकते है। इससे गांव के छोटे बिजनेसमैन को भी सरकारी के साथ बिजनेस करने का मौका मिलेगा। इससे विभागों से भ्रष्टाचार कम होगा। डेंटर की प्रक्रिया पूरी तरह से खत्म होगी। खरीदारी में पारदर्शिता आएगी।
40 हजार प्रोडक्ट मौजूद है जेम पर
जेम ई पोर्टल पर वर्तमान समय में 40 हजार से अधिक प्रोडक्ट मौजूद है। इसके साथ ही करीब 20 हजार छोटे कारोबारी भी जुड़ चुके है। जिसमें सूई, कागज, झाडू, एसी, कार, स्मार्ट फोन भी उपलब्ध है। जिसमें करीब 10 -25 फीसदी की राशि के सेविंग भी हो रही है। जेम से छोटे कारोबारी भी बहुत आसानी से जुड़ सकते है।
50 हजार की खरीदारी जेम पोर्टल से
नये साल से शिक्षा विभाग को हरहाल में 50 हजार की खरीदारी जेम पोर्टल से करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। जिससे ऐसी खरीदारी करने से कागजी कार्रवाई समाप्त करने में मदद मिलेगी। वित्तीय वर्ष मार्च-अप्रैल से पूरी तरह से हर चीज जेम से खरीदना होगा। चाहे वह कितनी राशि की क्यों न हो।
जो सामान पोर्टल पर नहीं, पुराने प्रक्रिया से खरीदारी
जो चीज जेम पोर्टल पर उपलब्ध नहीं होगा। इसकी ही खरीदारी पुराने प्रक्रिया से होगी। समान जब विभाग के पास पहुंच जाएगी तो दस दिनों के अंदर ऑन लाइन भुगतान करना होगा।
विभाग व विक्रेता दोनो होंगे जेम पर रजिस्टर्ड
गर्वनमेंट ई -मार्केट प्लेस(जेम) से खरीदारी को ले विभाग को पहले जेम पोर्टल पर रजिस्टर्ड करना होगा। यहां वे समान का नाम लेकर सर्च करने पर यह पता चल सकेगा कि जेम पर कितने समान वह आ जाएगी। जिसमें सबसे कम वालों को विभाग को खरीदने का आर्डर देना है।
आसानी से प्रोडक्ट को करा सकते रजिस्टर्ड
शहर से लेकर गांव के बिजनेसमैन जेम में बहुत ही आसानी से अपने प्रोडक्ट को रजिस्टर्ड करा सकते है। जेम के साइट पर जाकर जीसटी नंबर, पैन नंबर, बैक, अकाउंट नंबर एवं आधार नंबर अंकित रजिस्टर्ड करा कर अपना प्रोडक्ट बेच सकते है।
बताएगा कि कौन सस्ता एवं बेहतर
जेम पोर्टल यह भी राय देगा कि कौन समान सस्ता एवं बेहतर है। इसके लिए ऐसा साफ्टवेयर लगा हुआ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।