कोहरे का असर: 1 दिसंबर से 28 फरवरी तक कई प्रमुख ट्रेनें रद, यात्रियों की बढ़ी चिंता
उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान कोहरे की आशंका को देखते हुए रेलवे ने 1 दिसंबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक कई ट्रेनों को रद कर दिया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बरौनी-अम्बाला हरिहर एक्सप्रेस और पूर्णिया कोर्ट-अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनें भी रद रहेंगी। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले अपनी ट्रेन की स्थिति जांच लें।
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संवाद सूत्र, नयागांव (सारण)। उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान घने कोहरे की आशंका को देखते हुए रेलवे ने बड़ा निर्णय लेते हुए 1 दिसंबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक कई महत्वपूर्ण ट्रेनों के परिचालन में व्यापक बदलाव कर दिया है।
अधिकारियों के अनुसार, कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम होने की संभावना रहती है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सुरक्षित संचालन को प्राथमिकता देते हुए अनेक लंबी दूरी की गाड़ियां अस्थायी रूप से रद की गई हैं।
इस अवधि में यात्रियों की सुविधा के लिए चलने वाली कई महत्वपूर्ण सेवाएं पूरी तरह बंद रहेंगी। बरौनी–अम्बाला हरिहर एक्सप्रेस और पूर्णिया कोर्ट–अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनें भी इस सूची में शामिल हैं।
रेलवे का कहना है कि अनेक रूट ऐसे हैं जहां कोहरे की तीव्रता रोजाना बहुत अधिक रहती है, जिसके कारण ट्रेनों को निर्धारित समय पर चलाना मुश्किल होता है।
इसी वजह से उपासना एक्सप्रेस, वीरांगना लक्ष्मीबाई–कोलकाता एक्सप्रेस, मालदा–नई दिल्ली एक्सप्रेस, हटिया–आनंद विहार, संतरागाछी–आनंद विहार एक्सप्रेस सहित कुल 24 जोड़ी ट्रेनों को इस अवधि में पूर्णत: रद कर दिया गया है। इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को समय रहते वैकल्पिक प्रबंध करने की सलाह दी गई है।
रद की गई गाड़ियों के अलावा, कई प्रमुख सेवाओं की फ्रीक्वेंसी भी घटा दी गई है। ग्वालियर–बरौनी, अजमेर–सियालदह, हावड़ा–काठगोदाम बाघ एक्सप्रेस, कोलकाता–अमृतसर, गरीबरथ, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, सिक्किम महानंदा, अवध आसाम, पाटलिपुत्र–लखनऊ/गोरखपुर जैसी कई ट्रेनें अब सप्ताह के निश्चित दिनों में ही चलेंगी। इससे यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं में आवश्यक संशोधन करना होगा।
कोहरे की सर्वाधिक मार झेलने वाले आगरा–मथुरा खंड पर चंबल एक्सप्रेस (12177/12178) को भी आंशिक रूप से रद किया गया है। रेलवे के अनुसार, यह कदम लोको पायलटों को कम दृश्यता में जोखिम लेने से बचाने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।रेलवे ने सभी यात्रियों से अपील की है कि आगामी दो–तीन महीनों तक यात्रा योजना बनाने से पहले अपनी ट्रेन की ताज़ा स्थिति अनिवार्य रूप से जांच लें, क्योंकि कोहरे की स्थिति को देखते हुए आगे और बदलाव भी संभव हैं।

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