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    दुखद! ठेले पर ले गए अस्पताल, नहीं मिले डॉक्टर; रेलवे इंजीनियर की हुई मौत

    छपरा जंक्शन पर निरीक्षण के दौरान सीनियर सेक्शन इंजीनियर राकेश कुमार की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। एनईआरएमसी ने अधिकारियों पर कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव डालने का आरोप लगाया है जिसके कारण यह घटना हुई। राकेश कुमार के निधन से रेलवे विभाग में शोक की लहर है।

    By Zakir Ali Edited By: Krishna Parihar Updated: Tue, 19 Aug 2025 03:42 PM (IST)
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    छपरा जंक्शन पर निरीक्षण के दौरान गई इंजीनियर की जान

    जागरण संवाददाता, छपरा। मंगलवार की सुबह छपरा जंक्शन पर एक घटना ने रेलवे विभाग को गमगीन कर दिया। प्लेटफार्म संख्या-1 पर अधिकारी विश्रामालय के पास निरीक्षण के दौरान सीनियर सेक्शन इंजीनियर (कार्य) राकेश कुमार (55 वर्ष) की अचानक तबीयत बिगड़ गई और वे अधिकारी विश्रामालय के पास बेहोश होकर गिर पड़े।

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    उनके साथ गोरखपुर मंडल के प्रमुख मुख्य इंजीनियर नीलमणि कुमार और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर द्वितीय विनीत कुमार श्रीवास्तव भी निरीक्षण पर थे।

    घटना के तुरंत बाद सेक्शन इंजीनियर रणविजय कुमार गुंजन ने अन्य कर्मचारियों की मदद से उन्हें ठेले पर लादकर रेल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दुर्भाग्यवश वहां चिकित्सक छुट्टी पर थे, जिससे समय पर इलाज नहीं हो सका। इसके बाद उन्हें आनन-फानन में सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

    बताया जाता है कि राकेश कुमार अपने विभाग के गोरखपुर मंडल के प्रमुख मुख्य इंजीनियर नीलमणि कुमार और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर द्वितीय विनीत कुमार श्रीवास्तव के साथ पूर्वी केबिन से पार्सल घर की ओर निरीक्षण करते हुए बढ़ रहे थे, तभी अचानक अधिकारी गेस्ट हाउस के पास बेसुध होकर प्लेटफार्म पर गिर पड़े।

    नालंदा जिले के हिलसा के नेमना टोला निवासी राकेश कुमार वर्ष 2005 में रेलवे सेवा में शामिल हुए थे और 2022 में छपरा जंक्शन पर योगदान दिये थे। उनके निधन की खबर फैलते ही सदर अस्पताल में रेलकर्मियों की भीड़ उमड़ पड़ी।

    स्टेशन अधीक्षक राजन कुमार, सीडीओ अजित कुमार, डीसीआई गणेश यादव, स्टेशन निदेशक राजेश प्रसाद और आरपीएफ निरीक्षक विनोद कुमार यादव सहित कई अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

    इधर, एनईआरएमसी के छपरा शाखा मंत्री संजय तिवारी ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कनिष्ठ कर्मचारियों पर अत्यधिक दबाव डाला जाता है, जिसके कारण कर्मचारी तनावग्रस्त होकर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि राकेश कुमार की असामयिक मौत भी इसी दबाव का परिणाम है। तिवारी ने चेतावनी दी कि यदि अधिकारियों के रवैये में बदलाव नहीं हुआ तो कर्मचारी आंदोलन को बाध्य होंगे। कर्मचारियों ने इस पर भी नाराजगी जताई कि निरीक्षण में मौजूद वरिष्ठ अधिकारी राकेश कुमार की तबीयत बिगड़ने के बाद उनका हालचाल पूछने तक नहीं आए।

    इस बीच मृतक की पत्नी रंजना देवी, पुत्री पूजा कुमारी और पुत्र रजनीश कुमार जैसे ही सदर अस्पताल पहुंचे, वहां का माहौल बेहद गमगीन हो गया। सहकर्मी इंजीनियरों ने बताया कि राकेश कुमार एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे। उनकी असामयिक मृत्यु ने पूरे विभाग को गहरे सदमे में डाल दिया है।