सारण के एकमा में खेल-खेल में मौत के मुंह में समा गए तीन बच्चे, पसर गया मातम
सारण के एकमा में खेलते समय तीन बच्चे एक गहरे गड्ढे में डूब गए, जिससे उनकी मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में मातम पसर गया है और मृतकों के परिवार गहरे सदमे में हैं। यह घटना क्षेत्र में शोक की लहर लेकर आई है।

सारण के एकमा में तीन बच्चों की डूबने से मौत। सांकेतिक तस्वीर
संवाद सूत्र,एकमा (सारण)। जिले के एकमा थाना क्षेत्र के धनवती गांव में शनिवार की शाम ऐसा हृदय विदारक हादसा हुआ, जिसने पूरे गांव को गहरे शोक में डुबो दिया।
गांव में मछली पालन के लिए बनाए गए पोखरे में डूबकर तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई। खुशियों से भरे परिवार देखते ही देखते मातम में डूब गए और हर ओर चीख-पुकार मच गई।
खेलते-खेलते उतर गए गड्ढे में
जानकारी के अनुसार तीनों बच्चे अपने घर के पास खेल रहे थे। खेलते-खेलते वे पोखरे के किनारे जा पहुंचे और पानी में उतर गए।
बताया जाता है कि नहाने के दौरान एक-दूसरे को पकड़ने की कोशिश में वे फिसलकर गहरे हिस्से में चले गए और लौट नहीं सके।
कुछ ही क्षणों में यह खेल मौत में बदल गया। हादसे में जिन मासूमों ने अपनी जान गंवाई, उनमें दो चचेरे भाई-बहन शामिल हैं।
मामा घर आई बच्ची की भी गई जान
मनोज मांझी का चार वर्षीय पुत्र उज्ज्वल कुमार और सरोज मांझी की तीन वर्षीय पुत्री तान्या कुमारी, जो धनवती गांव, परसा पूर्वी पंचायत के निवासी हैं।
तीसरी बच्ची सोनी कुमारी, उम्र छह वर्ष, सिवान जिले के महाराजगंज थाना क्षेत्र के पकवलिया गांव निवासी शिव प्रसन्न यादव की पुत्री थी, जो कुछ दिनों पहले अपने मामा के घर शादी समारोह में आई हुई थी।
तीनों बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ते थे। स्वजन के अनुसार, जब बच्चे काफी देर तक घर नहीं लौटे, तो खोजबीन शुरू की गई।
एक शव उपलाता देखा तब घटना का चला पता
तलाशी के दौरान ग्रामीणों ने पोखरे में एक शव उपलाता देखा। जब उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई, तो उनके पैरों से दो और शवों का स्पर्श हुआ।
ग्रामीणों की मदद से तीनों को तुरंत एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डा. इरफान ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलने पर एकमा थानाध्यक्ष ध्रुव प्रसाद सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह बेहद दुखद हादसा है। तीनों बच्चों की मौत पानी में डूबने से हुई है।
पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं तथा पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेजा गया है।
तीनों मासूमों की एक साथ मौत से गांव में शोक की लहर फैल गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मछली पालन वाले पोखरों के चारों ओर सुरक्षा घेरा या बैरिकेडिंग अनिवार्य की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न हों।

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