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    एनएच-531 पर हादसे ने छीनी तीन घरों की खुशियां, ट्रक में टकराने से तीन युवकों की मौत

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 06:27 PM (IST)

    पूर्वी चंपारण में एनएच-531 पर एक भीषण सड़क हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई। उनकी बाइक एक ट्रक से टकरा गई, जिससे मौके पर ही तीनों की जान चली गई। तेज रफ्तार को दुर्घटना का कारण बताया जा रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, और मृतकों के परिवारों में मातम छाया हुआ है।

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    संवाद सहयोगी, दाउदपुर (सारण)। दाउदपुर थाना क्षेत्र के एनएच-531 पर रविवार की देर रात हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे इलाके में शोक है। नंदलाल सिंह कॉलेज के पास सड़क किनारे खड़ी सीमेंट लदी ट्रक में तेज रफ्तार बाइक के टकराने से तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद लोगों में गुस्सा और दुख दोनों देखने को मिला। मृतकों में बनियापुर थाना क्षेत्र के सुहाई शाहपुर निवासी सूरज कुमार राय, नसीरा गांव के अरविंद साह और रिविलगंज के सेमरिया गांव निवासी विक्की राय शामिल हैं।

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    सपनों का मंच बना कब्रगाह, अधूरी रह गई सूरज की उड़ान


    मृतक सूरज कुमार राय अपने क्षेत्र में प्रतिभाशाली युवा के रूप में जाना जाता था। पांच वर्ष पूर्व उसने गोरखपुर की नर्तकी काजल कुमारी से विवाह किया था और काजल म्यूजिकल ग्रुप नाम से अपना आर्केस्ट्रा शुरू किया था, जिसने कोहड़ा-नसीरा इलाके में जल्द पहचान बनाई। रविवार की शाम सूरज अपने साथियों अरविंद और विक्की के साथ एक छठियार कार्यक्रम में जा रहा था। कुछ लोगों के अनुसार, वह विक्की को उसके गांव छोड़ने जा रहा था, लेकिन किस्मत ने तीनों की यात्रा वहीं समाप्त कर दी।



    अरविंद और विक्की की भी थम गई रफ्तार


    अरविंद साह (19), नसीरा निवासी हरेराम साह का पुत्र था और आटो चलाकर परिवार का सहारा बना हुआ था। मेहनती और महत्वाकांक्षी अरविंद अपने छोटे से व्यवसाय का सपना देख रहा था। उधर, विक्की राय (22) सेमरिया गांव का निवासी और कैटरीन डांस टीम का संचालक था। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उसकी पहचान तेजी से बढ़ रही थी। लेकिन रविवार की रात उसका सपना भी हमेशा के लिए अधूरा रह गया। विक्की की मौत की खबर सुनते ही उसकी मां उषा देवी बेसुध हो गईं, जबकि गांव में मातमी सन्नाटा छा गया।

    प्रशासन की अनदेखी से बन रही मौत की सड़क

    एनएच-531 पर यह कोई पहला हादसा नहीं है। सड़क किनारे खड़ी ट्रकें कई बार दुर्घटनाओं की वजह बन चुकी हैं। कुछ महीने पहले चंपा अस्पताल के पास भी इसी तरह खड़ी ट्रक में टक्कर लगने से दो शिक्षकों की जान गई थी। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई।


    सड़क सुरक्षा नियमों के तहत मुख्य मार्ग पर बिना चेतावनी संकेत या अनुमति के भारी वाहन खड़ा करना दंडनीय अपराध है, पर दाउदपुर क्षेत्र में यह आम बात बन गई है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रशासन इन लगातार हो रही मौतों से सबक लेगा। तीन युवकों की मौत ने एक बार फिर इस मौत की सड़क की हकीकत उजागर कर दी है, जहां लापरवाही और अनदेखी की कीमत निर्दोष जिंदगियों से चुकाई जा रही है।