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    Bihar Teacher Suspend: सारण में तीन और शिक्षक निलंबित, चुनावी आचार संहिता उल्लंघन पर कार्रवाई

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 06:56 PM (IST)

    सारण जिले में, चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने पर तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। उन पर सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने का आरोप है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए। डीएम ने चेतावनी दी है कि चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    सारण में तीन और शिक्षक निलंबित

    जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिले में विधानसभा चुनाव के बीच प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन शिक्षकों को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में निलंबित कर दिया है। आरोप है कि ये शिक्षक इंटरनेट मीडिया और क्षेत्रीय स्तर पर विभिन्न प्रत्याशियों के पक्ष में सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार कर रहे थे।

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    जांच में आरोपों के प्रमाण मिलने पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी,सारण ने तीनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

    परसा के दीपक कुमार पर कार्रवाई, इंटरनेट मीडिया पर प्रचार का आरोप:

    पहला मामला दीपक कुमार, नगर माध्यमिक शिक्षक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, परसा, सारण से जुड़ा है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी अमन समीर के (पत्रांक 10769/सी. दिनांक 27 अक्टूबर 2025) निर्देश परदीपक कुमार द्वारा 119 गड़खा विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी सविता देवी के पक्ष में प्रचार करने और विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में बैनर व प्रचार सामग्री साझा करने के प्रमाण मिले हैं।

    उनसे 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया था, किंतु आरोपों की पुष्टि होने पर उन्हें बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली, 2020 की कंडिका 20 के तहत निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के अधीन कर दिया गया है। साथ ही, स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश भी दिया गया है।

    तरैया के सुरेन्द्र प्रसाद यादव गांव-गांव घूमकर मांग रहे थे वोट:

    दूसरा मामला तरैया प्रखंड मैकडोनाल्ड उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, देवरिया के विशिष्ट शिक्षक सुरेन्द्र प्रसाद यादव का है। शिकायत के अनुसार, यादव 116 तरैया विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी मिथिलेश राय के पक्ष में गांव-गांव घूमकर वोट मांगते देखे गए। जांच में यह आरोप सही पाए गए।

    प्रशासन ने इसे आदर्श आचार संहिता और बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 की कंडिका और 10 का उल्लंघन माना है। परिणामस्वरूप, उन्हें बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक (संशोधन) नियमावली 2024 के तहत निलंबित कर विभागीय जांच के अधीन किया गया है।

    उनका मुख्यालय प्रखंड संसाधन केंद्र, दरियापुर, सारण निर्धारित किया गया है। उन्हें मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 50 प्रतिशत जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। जांच के संचालन हेतु जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) को संचालन पदाधिकारी तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, तरैया को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया गया है।

    इंटरनेट मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट डालने वाले शिक्षक राजेश तिवारी भी निलंबित:

    तीसरा मामला राजेश कुमार तिवारी, विद्यालय अध्यापक, उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पिरारीडीह, दरियापुर, सारण का है। जांच में पाया गया कि वे इंटरनेट मीडिया पर राजनीतिक पोस्ट और टिप्पणी कर रहे थे। यह सरकारी सेवक के आचरण के प्रतिकूल पाया गया।

    इस मामले में स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद आरोप प्रमाणित हुए, जिसके बाद उन्हें बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2023 तथा बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के तहत निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के अधीन किया गया है।

    उनका मुख्यालय प्रखंड संसाधन केंद्र, सोनपुर, सारण निर्धारित किया गया है, जहां से उन्हें 50 प्रतिशत जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान किया जाएगा। जांच हेतु जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) को संचालन पदाधिकारी तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, दरियापुर को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी बनाया गया है।

    डीएम का सख्त संदेश: निष्पक्षता से समझौता नहीं

    सारण के जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी अमन समीर ने सभी शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों को सख्त चेतावनी दी है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की राजनीतिक सक्रियता या प्रचार में भागीदारी को गंभीरता से लिया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि सरकारी सेवक निष्पक्षता के प्रतीक होते हैं, ऐसे में उनकी राजनीतिक संलिप्तता लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। आचार संहिता के उल्लंघन पर अब शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी।