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    महिलाओं ही नहीं पुरूषों के भी आदर्श है स्वर्णलता देवी

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 27 Aug 2019 11:09 PM (IST)

    फोटो 27 सीपीआर 25 -स्वतंत्रता सेनानी स्वर्णलता देवी की पुण्यतिथि मनी

    महिलाओं ही नहीं पुरूषों के भी आदर्श है स्वर्णलता देवी

    जागरण संवाददाता, छपरा :

    शहर के कटरा स्थित मदर टेरेसा सीनियर कांन्वेंट स्कूल के सभागार में मंगलवार को महान स्वतंत्रता सेनानी, कवियित्री वीरांगना एवं समाज सुधारक स्वर्णलता देवी की 46 वीं पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाई गई। जिसका उद्धाटन डा. (प्रो.) आरके गोकुल एवं प्रसिद्ध वरीय नाटककार रंगकमी व लेखक अमियनाथ चटर्जी ने संयुक्त रूप दीप प्रज्वलित करके किया। वक्ताओं ने कहा कि स्वर्णलता देवी के जीवन से युवा पीढी को सीख लेने की जरूरत है। उनका स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका रही है, उनके योगदान को स्वर्णक्षरों में अंकित है। स्वर्णलता देवी शिक्षा प्रेमी भी थी। जो राज्यभाषा परिषद से प्रकाशित पुस्तक स्वर्णलता देवी एक विरासत में लिपिबद्ध है। स्वागत भाषण करते हुए नया क्षितिज के सचिव कश्मीरा सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता स्वर्णलता ने सारण की धरती को अपना कर्मक्षेत्र बनवाकर सारण को गौरव को बढ़ाया है। महिलाओं के ही नहीं पुरूषों के भी लिए भी आदर्श है। समारोह की अध्यक्षता कर रहे जगदम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डा. केके द्विवेदी ने ने कहा आज जहां राजनीति में अवमूल्यन हो रहा है। वहीं स्वर्णलता जी ने मूल्यों की राजनीति की । कार्यक्रम के दूसरे सत्र में संगीता शिक्षिका प्रियंका कुमारी ने वंदे मातरम एवं सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। कवि शंकर शरण शिशिर एवं मोहित ने काव्य पाठ किया। कुंदन राज गोकुल ने गीत प्रस्तुत किया। इस मौके पर प्रो. डा. सरोज बाला गुप्ता, मंजू सिंह, आरती कुमारी, अंजली सिंह, धनंजय उदय, प्रो. विजय कुमार सिन्हा, ब्रजेंद्र कुमार सिन्हा, बबन सिंह, डा. देवेंद्र कुमार सिंह, डा. हरेराम पांडेय, डा. यूएस विश्वकर्मा आदि मौजूद थे।

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