सारण में सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्रों का होगा जेई व नीट का टेस्ट
परीक्षा की तैयारी के लिए आइसीटी लैब की ई-लाईब्रेरी में बच्चों का माक टेस्ट कराने का निर्णय शिक्षा विभाग ने लिया है।इस माक टेस्ट में 12वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाले विज्ञान संकाय के विद्यार्थी शामिल होंगे। यह टेस्ट तीन पालियों में ली जाएगी। इनमें सभी बच्चों से100 प्रश्न पूछे जाएंगे।

संवाददाता, छपरा। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की तकनीकी व चिकित्सा शिक्षा (नीट/आईआईटी-जेईई) में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा की तैयारी के लिए आइसीटी लैब की ई-लाईब्रेरी में बच्चों का माक टेस्ट कराने का निर्णय शिक्षा विभाग ने लिया है। सारण जिले में 14-15 जुलाई को आइआइटी-जेईई एवं 16-17 जुलाई को नीट का माक टेस्ट लिया जाएगा।
इस माक टेस्ट में 12वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाले विज्ञान संकाय के विद्यार्थी शामिल होंगे। यह टेस्ट तीन पालियों में ली जाएगी। इनमें 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नों का जवाब देने के लिए दो घंटे का समय निर्धारित किया गया है।
इस संबंध में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के प्रशासी पदाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा ) को पत्र भेजा है। पत्र मिलने के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) ने संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापक को आइसीटी लैब में रोशनी, पंखा, एग्जास्ट फैन, बिजली, इंटरनेट व अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही, विद्यार्थियों को बैठने की पर्याप्त व्यवस्था कराने का आदेश दिया है।
स्कूलों में स्थापित आइसीटी लैब में होगी परीक्षा
सारण जिले के विभिन्न प्रखंडों के 64 स्कूलों के आइसीटी लैब में यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। एमआइएस प्रभारी संजय कुमार ने बताया जिन उच्च विद्यालय में अभी तक आइसीटी लैब स्थापित नहीं की गयी है, उन उच्च विद्यालय के बच्चे नजदीक के विद्यालय में स्थापित आइसीटी लैब, जहां ई-लाईब्रेरी की सुविधा उपलब्ध है, उन स्कूलों में माक टेस्ट में शामिल होंगे।
तीन पालियों दो-दो घंटे का होगा माक टेस्ट
प्रथम पाली सुबह नौ से 11 बजे तक, दूसरी पाली साढ़े 11 से डेढ़ बजे तो तीसरी पाली दो से चार बजे तक आयोजित होगी। डीपीओ ने बताया कि माक टेस्ट के लिए प्रधानाध्यापक को विद्यार्थियों को बैठाने की पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया गया है।
क्या होता है माक टेस्ट
माक टेस्ट अभ्यास परीक्षण होता है, जिन्हें वास्तविक परीक्षाओं के समान बनाया जाता है। इनका उपयोग छात्रों को वास्तविक परीक्षा के समान परिस्थितियों में प्रश्नों के उत्तर देने का अभ्यास करने की अनुमति देकर परीक्षा की तैयारी में मदद करने के लिए किया जाता है।
माक टेस्ट परीक्षण लेने के कौशल काे बढ़ाने का एक बेहतर तरीका है। बार-बार अभ्यास से उम्मीदवार समय सीमा के भीतर प्रश्नों का उत्तर देना सीख और समझ सकते हैं कि अधिकतम अंकों के लिए परीक्षा की तैयारी कैसे करें।

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