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    Sonpur Mela 2025: स्विस कॉटेज में दिखेगा राजस्थानी जादू, 5000 में मिलेगा विदेशी लग्जरी

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 05:07 PM (IST)

    सारण के सोनपुर मेला में इस बार भी स्विस कॉटेज पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। राजस्थानी शैली में सजे इस कॉटेज में भारतीय ग्राम्य संस्कृति की झलक मिलती है। पिछले साल कई देशों से पर्यटक आए थे और इस बार भी रुझान दिख रहा है। यहां चार सितारा होटल जैसी सुविधाएं हैं। विदेशी पर्यटकों के लिए 5000 और स्थानीय पर्यटकों के लिए 3000 प्रति रात का दर है।

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    सोनपुर मेला में विदेशी लग्जरी

    संवाद सूत्र, नयागांव (सारण)। विश्वविख्यात हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में इस बार भी विदेशी सैलानियों के साथ-साथ देशभर से आने वाले पर्यटक स्विस काटेज की सुंदरता और आकर्षण से मोहित हो रहे हैं। हालांकि विदेशी पर्यटक अभी यहां नहीं ठहरे हैं। 

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    पर्यटन विभाग के सौजन्य से अंग्रेजी बाजार स्थित इस स्विस कॉटेज परिसर को राजस्थानी शैली और भारतीय ग्राम्य संस्कृति की झलक से सजाया गया है, जहां कदम-कदम पर लोकसंस्कृति की महक महसूस होती है।

    गत वर्ष इटली, फ्रांस, इसराइल, वियतनाम, जापान, जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड और यूके जैसे देशों से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे थे। इस बार भी विदेशी मेहमानों का रुझान स्विस काटेज की ओर बढ़ता दिख रहा है। परिसर के कान्ट्रैक्टर के अनुसार, यहां कुल छह आकर्षक काटेज बनाए गए हैं, जिन्हें चार स्टार होटल की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। पर्यटकों को भोजन, सुरक्षा और मनोरंजन की सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हैं।

    विदेशी सैलानियों को लग्जरी का एहसास

    स्विस काटेज की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह परंपरा और आधुनिकता का संगम प्रस्तुत करता है। जहां एक ओर यहां के झरोखे, दीवारों पर उकेरे गए लोकचित्र और सजावट भारतीय ग्रामीण संस्कृति की झलक दिखाते हैं, वहीं दूसरी ओर वातानुकूलित कमरे, आकर्षक इंटीरियर और आधुनिक सुविधाएं विदेशी सैलानियों को लग्जरी का एहसास कराती हैं।

    सोनपुर मेला की रौनक बरकरार 

    स्थानीय समाजसेवी लाल बाबू पटेल ने बताया की पूर्व में पर्यटन विभाग द्वारा स्विस कॉटेज के सामने से हाथियों पर सवार कर विदेशी पर्यटकों को मेला भ्रमण कराया जाता था। यह दृश्य मेले की विशेष पहचान हुआ करता था। 

    विदेशी सैलानी नारायणी नदी में नाव से घूमकर हाथियों के स्नान का फोटो लेना खास पसंद करते थे। हालांकि अब सख्त नियमों और पर्यावरणीय कारणों से हाथियों की खरीद-बिक्री और आगमन पर रोक लग चुकी है। हाथी बाजार का वह दृश्य अब इतिहास बन चुका है, लेकिन सोनपुर मेला की रौनक बरकरार है।

    स्थानीय पर्यटकों के लिए 3000 प्रति रात

    इस बार विदेशी सैलानियों के लिए घोड़ा बाजार नया आकर्षण केंद्र बना हुआ है। यहां देश के विभिन्न हिस्सों से आए नस्ल दार घोड़े लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। स्विस काटेज के प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि विदेशी पर्यटकों के लिए 5000 तथा स्थानीय पर्यटकों के लिए 3000 प्रति रात का दर तय किया गया है। 

    मेला की अवधि बढ़ने के साथ दरों में धीरे-धीरे कमी भी की जाती है ताकि अधिकाधिक सैलानी इसका आनंद उठा सकें। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला का यह स्विस कॉटेज न केवल ठहरने का स्थान है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आतिथ्य और परंपरा का जीवंत प्रतीक बन गया है — जहां हर आगंतुक भारत की आत्मा को करीब से महसूस करता है।