Sonpur Mela 2025: सोनपुर मेले में एक ही जगह चारों धामों के दर्शन, उमड़ रही लोगों की भीड़
सोनपुर मेला, जिसे हरिहर क्षेत्र मेला भी कहते हैं, बिहार में लगता है। यहाँ एक ही स्थान पर बद्रीनाथ, द्वारका, रामेश्वरम और जगन्नाथ पुरी के मंदिरों की प्रतिकृतियां हैं, जहाँ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह मेला कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर एक महीने तक चलता है, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।

सोनपुर मेले में चार धाम की झलक। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, नयागांव। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला इस बार श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत आध्यात्मिक अनुभूति लेकर आया है। यदि आप चार धाम का पुण्य लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन लम्बी यात्रा, कठिन रास्ते या समय की कमी आड़े आती है, तो सोनपुर मेला आपके लिए एक उत्कृष्ट अवसर बनकर सामने आया है।
यहां मेले परिसर में चार धाम यात्रा का ऐसा भव्य और जीवंत स्वरूप तैयार किया गया है, जो भक्तों को वास्तविक धामों की अनुभूति कराता है। मेले में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री—चारों धाम अलग-अलग थीम, दृश्य सजावट और धार्मिक माहौल के साथ विकसित किए गए हैं। हर धाम की झांकी इतनी जीवंत और आकर्षक है कि श्रद्धालु खुद को उत्तराखंड के पवित्र पर्वतीय धामों में उपस्थित महसूस करते हैं।
बद्रीनाथ धाम: भव्यता और दिव्यता का संगम
बद्रीनाथ धाम को अत्यंत मनोहारी रूप में सजाया गया है। बद्रीविशाल के प्रतीक स्वरूप मंदिर की झांकी के समक्ष दीपक, घंटियों की ध्वनि और भक्तिमय संगीत वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना देते हैं।
केदारनाथ धाम: हिमालयी आध्यात्मिकता का अहसास
केदारनाथ धाम की प्रतिकृति मेले के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक है। हिमालयी दृश्य, बर्फ की प्रतीकात्मक सजावट और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों के बीच भक्तों को वास्तविक केदारनाथ का दिव्य अनुभव होता है।
गंगोत्री धाम: पवित्र गंगा के उद्गम की झलक
गंगोत्री धाम स्थल शांत, स्वच्छ और आकर्षक सजावट से भरपूर है। बहती गंगा की प्रतीकात्मक धारा और मंत्रोच्चार श्रद्धालुओं को आंतरिक शांति प्रदान करते हैं।
यमुनोत्री धाम: श्रद्धा, शांति और सौम्यता का प्रतीक
फूलों की सजावट, यमुना माता की प्रतिमा और सौम्य वातावरण भक्तों को यमुनोत्री की पवित्रता का अद्भुत अनुभव कराता है।
भीड़ उमड़ी, प्रशासन स्थानीय व्यवसायी की पहल को भरपूर सराहना
चार धाम दर्शन के इस अनोखे आयोजन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को अपनी ओर आकर्षित किया है। खासकर बुजुर्ग और महिलाएं इसकी प्रशंसा कर रही हैं क्योंकि वे बिना कठिनायों के चारों धाम का आशीर्वाद प्राप्त कर पा रही हैं।

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