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    सोनपुर मेले में टूटी सैकड़ों साल पुरानी परंपरा, बालक बाबा हुए नाराज; पहले ही दिन हो गया और भी बहुत कुछ

    Sonpur Mela News बिहार के सोनपुर में लगने वाले विश्‍वप्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र मेले की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि इस मेले में पहले ही दिन सबसे खास परंपरा टूट गई। इसको लेकर स्‍थानीय स्‍थानीय संत बालक बाबा ने नाराजगी जताई है।

    By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Wed, 09 Nov 2022 02:12 PM (IST)
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    Sonpur Mela News: सोनपुर मेला में उमड़ी भीड़। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    संवाद सहयोगी, सोनपुर (सारण)। एक वक्‍त दुनिया के सबसे बड़े पशु मेलों में गिनती होने वाले सोनपुर के हरिहर क्षेत्र मेले में सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा इस बार टूट गई। मेले के पहले ही दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसको लेकर काली घाटी स्थित धनुष कुटीर के संत बालक बाबा नाराज हो गए हैं। बालक बाबा ने इसके लिए प्रशासन को जिम्‍मेदार ठहराया है। 

    मेले की पहचान बरकरार रखने की कोशिश 

    दरअसल, सारण जिले के सोनपुर में गंगा और गंडक के संगम पर लगभग एक महीने तक चलने वाले मेले की शुरुआत कार्तिक पूर्णिमा को होती रही है। इस मेले की पहचान एक वक्‍त हाथियों की वजह से हुआ करती थी। वक्‍त बदला और हाथ‍ियों की खरीद-बिक्री पर रोक लग गई। इसके बावजूद मेले की ऐतिहासिक पहचान को देखते हुए यहां हाथी आते रहे। मेले के पहले दिन हाथियों का भी स्‍नान गंगा और गंडक के संगम पर होता रहा। 

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    हाथी आया, लेकिन नहीं कर सका स्‍नान 

    हाथी स्नान की वर्षों की परंपरा इस वर्ष हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले के दौरान टूट गया । कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को यहां हाथी तो लाया गया लेकिन उसके रखने और नदी स्नान के लिए उपयुक्त स्थान नहीं  उपलब्ध कराये जाने से हाथी पालक अपना हाथी लेकर वापस लौट गये। इसका विरोध संत बालक बाबा ने किया।

    बालक बाबा ने बताया उपेक्षा 

    बालक बाबा ने बताया कि सोमवार को स्थानीय प्रशासन के पदाधिकारियों ने हाथी के लिए एक स्थल चयन किया था। वहां उसके लिए बालक बाबा ने अपने स्तर से रुपये खर्च कर एक टेंट शामियाने की व्‍यवस्था भी कराई। जब हाथी मालिक अपना हाथी लेकर यहां पहुंचे, तब स्थल उपयुक्त नहीं मानते हुए हाथी को बिना नारायणी नदी में स्नान कराये वापस लौट गए। बालक बाबा ने इसे हरिहर क्षेत्र मेला के प्रति घोर उपेक्षा तथा उदासीनता मानते हुए उसकी प्रशासन से उक्त परंपरा को कायम किये जाने की मांग की है ।

    पहलेजा घाट स्नान से महिला गायब

    इधर, सोनपुर के पहलेजा घाट धाम में गंगा नदी में स्नान के बाद एक महिला कहीं भीड़ में गुम हो गई। उनके स्वजन उसे तलाशते रहे, किंतु उसका कोई अता पता नहीं चल सका। पहलेजाघाट ओपी प्रभारी विश्वमोहन राम ने बताया कि लगभग 35 वर्षीय संगीता देवी सहरसा के सोनबरसा निवासी धीरेंद्र साह की पत्नी थी। उसके लिए कंट्रोल रूम से भी कई बार यह सूचना प्रसारित की गई, पर उसका कोई पता नहीं चल सका है।

    वकील के रुपए और मोबाइल चोरी 

    दूसरी ओर पहलेजाघाट में अपने परिवार के साथ नहाने गए सोनपुर अनुमंडल न्यायालय के एक अधिवक्ता के 3000 रुपये तथा मोबाइल चोरों ने गायब कर दिया। इस संबंध में अधिवक्ता मनीष कुमार सिंह ने पहलेजाघाट ओपी में एक आवेदन दिया है।