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    छपरा में सर्पदंश का बढ़ा प्रकोप: सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में वृद्धि, एक की मौत

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 11:20 AM (IST)

    अस्पताल में सर्पदंश का मुकम्मल इलाज उपलब्ध है और समय पर उपचार मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। डॉ. कुमार ने चेताया कि व्यर्थ के कार्यों में समय बर्बाद करने से पीड़ित की जान बचाना कठिन हो जाता है।डॉ. कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि समय पर चिकित्सकीय सहायता ही सर्पदंश के मरीज की जान बचाने का एकमात्र उपाय है।

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    छपरा में सर्पदंश का बढ़ा प्रकोप: सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में वृद्धि, एक की मौत

    जागरण सवांददाता, छपरा। बरसात का मौसम जहाँ एक ओर भीषण गर्मी से राहत दिला रहा है, वहीं दूसरी ओर इसने सर्पदंश की घटनाओं में भी वृद्धि कर दी है, जिससे स्थानीय सदर अस्पताल में सर्पदंश के मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। चिकित्सकों ने लोगों से विशेष सावधानी बरतने और सर्पदंश की स्थिति में तत्काल अस्पताल पहुँचने का आग्रह किया है।

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    सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सुब्रत कुमार ने बताया कि बरसात में नदियों और ताल-तलैयों का जलस्तर बढ़ने से साँप अपने प्राकृतिक आवास छोड़कर ऊँचे स्थानों या रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सर्पदंश के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अस्पताल में सर्पदंश का मुकम्मल इलाज उपलब्ध है और समय पर उपचार मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। डॉ. कुमार ने चेताया कि व्यर्थ के कार्यों में समय बर्बाद करने से पीड़ित की जान बचाना कठिन हो जाता है।

    सर्पदंश के मामले विशेष रूप से नदी, तालाब और नहर-नालों के किनारे स्थित इलाकों में अधिक देखने को मिल रहे हैं। शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक सदर अस्पताल में एक दर्जन से अधिक सर्पदंश के मरीज पहुँचे।

    रिविलगंज में सर्पदंश से एक महिला की मौत

    दुर्भाग्यवश, इन्हीं मरीजों में से एक रिविलगंज प्रखंड के अजमेरीगंज निवासी स्वर्गीय सुरेंद्र महतो की 60 वर्षीय पत्नी बासमती देवी की इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत हो गई। उनके स्वजनों ने बताया कि शुक्रवार रात को जब वह सोने के लिए बिस्तर पर लेटी थीं, तभी एक साँप ने उनके कंधे पर डस लिया। परिजनों के अनुसार, साँप करैत प्रजाति का था, जिसे उसी समय मार दिया गया था। डॉ. कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि समय पर चिकित्सकीय सहायता ही सर्पदंश के मरीज की जान बचाने का एकमात्र उपाय है।

         सर्पदंश के अन्य मामले

    • मांझी के छितरौली निवासी 45 वर्षीय सरस्वती देवी
    • बनियापुर पिपरा के राकेश महतो के साढ़े तीन वर्षीय पुत्र आर्यन कुमार
    • खैरा थाना क्षेत्र के मरहिया निवासी जयकिशोर की पत्नी धनपति देवी
    • मढ़ौरा के असांव निवासी विजय कुमार दास का 20 वर्षीय पुत्र कन्हैया कुमार
    • छपरा कुलदीप नगर निवासी पप्पू साह की 15 वर्षीय पुत्री सुमन कुमारी
    • कोपा बसडीला के कृष्णा यादव के 23 वर्षीय पुत्र मोहित कुमार यादव
    • एकमा परसागढ़ के ध्रुव नाथ शर्मा के 28 वर्षीय पुत्र राहुल शर्मा
    • जलालपुर बसडीला के निवासी उमेश प्रसाद के 19 वर्षीय पुत्र रंजीत कुमार
    • सिवान जिला के भगवानपुर थाना क्षेत्र के ढोंढपुर निवासी स्वर्गीय धर्मनाथ तिवारी की पत्नी 70 वर्षीय प्रभावती देवी

       

        बचाव और उपचार के लिए महत्वपूर्ण सलाह

    • सावधानी बरतें: बरसात के मौसम में घरों के आस-पास साफ-सफाई रखें और अनावश्यक रूप से झाड़ियों या पानी भरे इलाकों में जाने से बचें। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और बिस्तर को जमीन से ऊँचा रखें।
    • तत्काल अस्पताल पहुँचें: सर्पदंश की स्थिति में किसी भी तरह के झाड़-फूँक या घरेलू उपचार पर समय बर्बाद न करें। तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुँचें जहाँ एंटी-वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हो।
    • शांत रहें: सर्पदंश होने पर शांत रहने का प्रयास करें, क्योंकि घबराहट से जहर तेजी से फैल सकता है। प्रभावित अंग को स्थिर रखने की कोशिश करें।

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