Bihar Teacher News: सारण में शिक्षकों की फर्जी अटेंडेंस पर एक्शन, 10 दिनों में होगी पहचान
सारण जिले में शिक्षकों की फर्जी उपस्थिति पर जिला शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई की है। विभाग ने 10 दिनों के अंदर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों ...और पढ़ें

सारण में शिक्षकों की फर्जी अटेंडेंस पर एक्शन, 10 दिनों में होगी पहचान
जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिले में विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों और ई-शिक्षाकोष ऐप पर दर्ज हो रही अनियमितताओं के मद्देनजर जिला शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है।
विभाग की ओर से सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों, प्रधानाध्यापकों,प्रधान शिक्षकों तथा प्रभारी प्रधानाध्यापकों को एक विस्तृत निर्देश जारी किया गया है, जिसमें 10 दिनों के भीतर फर्जी या अनियमित उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों की पहचान कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया है।
ई-शिक्षाकोष पर शिक्षक बना रहे हैं जुगाड़ उपस्थिति:
ई-शिक्षाकोष पर प्रतिदिन की उपस्थिति की समीक्षा के दौरान विभाग ने पाया है कि कई शिक्षक अपनी वास्तविक तस्वीर न लेकर पेड़-पौधे, दीवार, पंखा या पहले से ली गई पुरानी फोटो अपलोड कर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
यही नहीं, लॉगआउट के समय भी इसी प्रकार की धोखाधड़ी की जा रही है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह न केवल तकनीकी नियमों का उल्लंघन है बल्कि विद्यालय समय-सारणी के साथ छलावा भी है।
देर से उपस्थिति, जल्दी लॉग-आउट समय की अवहेलना:
शिक्षा विभाग के रिपोर्ट में कई ऐसे शिक्षकों का जिक्र किया गया है जो निर्धारित समय के बाद ही उपस्थिति दर्ज करते हैं और विद्यालय समय समाप्त होने से काफी पहले ही लाग आउट कर लेते हैं। इससे स्पष्ट है कि ऐसे शिक्षक न तो समय पर विद्यालय पहुंचते हैं और न ही पूरे समय मौजूद रहते हैं। परिणामस्वरूप शिक्षण कार्य प्रभावित होता है और छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर असर पड़ता है।
ऐप में तकनीकी का बहाना बने हैं शिक्षक:
विभाग ने यह भी कहा है कि कुछ शिक्षक अधिकांश दिनों में तकनीकी खराबी का हवाला देकर आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करते, जबकि उसी विद्यालय के दूसरे शिक्षक बिना किसी परेशानी के ऐप का उपयोग कर रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि तकनीकी समस्या का दावा मात्र बहाना है।
बीच में विद्यालय छोड़ कर चले जा रहे हैं शिक्षक:
एक चौकाने वाला तथ्य यह भी निकलकर आया कि कुछ शिक्षक समय पर उपस्थिति व लाग आउट तो कर देते हैं,परंतु विद्यालय उनके घर के पास होने के कारण बीच में ही बिना अनुमति विद्यालय छोड़ देते हैं। यह सीधे-सीधे अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
बच्चों के भविष्य के साथ कर रही है खिलवाड़:
निर्देश पत्र में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि ऐसी हरकतें न केवल छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ है, बल्कि सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों को विफल करती हैं। विभाग ने इसे धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जीवाड़ा और बच्चों के अधिकारों का हनन बताते हुए गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा है।
इसी के कारण विद्यालयों में ईमानदारी से कार्य करने वाले शिक्षकों का मनोबल भी टूटता है और विद्यालय का माहौल तनावपूर्ण हो जाता है। ग्रामीणों की ओर से भी लगातार ऐसी शिकायतें मिलती रहती हैं।
10 दिन के अंदर शिक्षकों को करनी है पहचान:
जिला शिक्षा पदाधिकारी निशांतगुंजन ने निर्देश दिया है कि 10 दिनों के अंदर ऐसे सभी शिक्षकों की पहचान कर विद्यालय प्रबंध समिति, विद्यालय शिक्षा समिति या शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी की बैठक बुलाकर उनसे स्वघोषणा पत्र या शपथ-पत्र लिया जाए, जिसमें वे विद्यालय कार्यावधि में पूर्ण उपस्थिति सुनिश्चित करने का वचन दें।
यदि इसके बाद कोई भी शिक्षक अनधिकृत रूप से विद्यालय से अनुपस्थित पाया जाता है, तो बिना कारण-पृच्छा के विभागीय व कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
अधिकारियों की जवाबदेही तय, बैठक कराएंगे जागरूक:
सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और विद्यालय प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे तत्काल बैठक कर सभी शिक्षकों को इस आदेश से अवगत कराएं। आदेश का अनुपालन नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की जाएगी।
सारण जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और उपस्थिति में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने यह सख्त कदम उठाया है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह निर्देश जमीनी स्तर पर कितना प्रभावी साबित होता है और क्या शिक्षकों का अनुशासन व विद्यालयों की कार्यप्रणाली में बदलाव देखने को मिलता है।

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