Bihar Teacher News: सारण के 92 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, सामने आई बड़ी वजह
सारण जिले के 92 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों पर बच्चों के आंकड़ों में गड़बड़ी के कारण विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। जिला शिक्षा कार्यालय ने स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि यू-डायस और ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर आंकड़ों में अंतर पाया गया है। समय पर जवाब न देने पर वेतन रोकने और कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।

जागरण संवाददाता, छपरा। सारण जिले के 92 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जिला समग्र शिक्षा कार्यालय ने बच्चों के आंकड़ों में गड़बड़ी और प्रतिवेदन नहीं देने को गंभीर मामला मानते हुए सभी से स्पष्टीकरण तलब किया है। आदेश की अवहेलना पर वेतन स्थगन से लेकर नियम संगत कार्रवाई तक की चेतावनी दी गई है।
पोर्टल पर बच्चों के आंकड़ों में अंतर:
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) प्रियंका रानी की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के यू-डायस पोर्टल और वर्ष 2025-26 के ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर बच्चों के आंकड़ों में अंतर पाया गया है। इस संबंध में पूर्व में सभी विद्यालयों से प्रतिवेदन मांगा गया था।
समय सीमा के बावजूद नहीं मिला प्रतिवेदन:
डीपीओ ( पत्रांक 1963 दिनांक 06.09.2025 ) कार्यालय के आधार पर प्रधानाध्यापकों को 24 घंटे के भीतर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद 16 सितंबर तक कई विद्यालयों ने न तो स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया और न ही बच्चों की सूची संलग्न कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराया। कुछ विद्यालयों ने अधूरा प्रतिवेदन दिया।
आदेश की अवहेलना पर विभाग सख्त:
पत्र में कहा गया है कि यह स्थिति विद्यालय प्रमुखों की कार्य के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाचारिता और वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना को दर्शाती है। इसे सीधे तौर पर विभागीय कार्य में बाधा पहुंचाना माना जाएगा।
डीपीओ ने कार्रवाई की दी चेतावनी:
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रियंका रानी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि पत्र प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर सूची सहित प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया तो संबंधित प्रधानाध्यापकों का वेतन स्थगित कर दिया जाएगा। साथ ही उनके विरुद्ध नियम संगत कार्रवाई भी शुरू कर दी जाएगी। समय पर जवाब नहीं देने की स्थिति में माना जाएगा कि संबंधित प्रधानाध्यापक के पास अपनी सफाई में कहने के लिए कुछ नहीं है।
उच्च अधिकारियों को दी गई जानकारी:
इस पूरे मामले की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी निशांत किरण और क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, सारण प्रमंडल को भी दी गई है। शिक्षा विभाग का कहना है कि बच्चों के सही आंकड़े दर्ज करना आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर योजनाओं का क्रियान्वयन और बजट निर्धारण होता है।
गंभीरता से ले रहा विभाग:
विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस बार प्रशासन आंकड़ों की गड़बड़ी को लेकर पूरी तरह गंभीर है। दोषी पाए जाने पर संबंधित प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने तय माने जा रहे हैं।
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