13 वर्षीय नेहा की आंखों से 3 लोग देखेंगे दुनिया, सबसे कम उम्र की अंगदाता बनी सारण की बेटी
सारण के मढ़ौरा की 13 वर्षीय नेहा कुमारी मरणोपरांत सबसे कम उम्र की अंगदाता बनीं। पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित नेहा की आंखों से अब 2-3 लोग दुनिया देख सकेंगे। आईजीआईएमएस आई बैंक की टीम ने अंगदान की प्रक्रिया पूरी की। नेहा के भाई ने इसे नेहा की आत्मा की शांति और दूसरों की सेवा के लिए उठाया गया कदम बताया।

संवाद सूत्र, मढ़ौरा (सारण)। सारण जिले के मढ़ौरा प्रखंड के हथिसार पंचायत अंतर्गत टोला कोरर निवासी राधेश्याम साह व लीलावती देवी की 13 वर्षीय पुत्री नेहा कुमारी मरणोपरांत प्रदेश की सबसे कम उम्र की अंगदाता बन गई है। उसकी आंखों से तीन लोग दुनिया देख सकेंगे।
बच्ची के स्वजन की सहमति के बाद पटना के आईजीआईएमएस आई बैंक की टीम ने अंगदान की प्रक्रिया पूरी की। आई बैंक के चीफ डॉ. नीलेश मोहन ने कहा कि बच्ची की आंखों के प्राकृतिक लेंस पूरी तरह से ठीक हैं। नेहा के दोनों कॉर्निया सफलतापूर्वक संरक्षित कर लिए गए हैं।
इससे दो से तीन लोगों का अंधेरा जीवन रोशन हो सकता है। नेहा कुमारी पैंक्रियाटाइटिस रोग से पीड़ित थी। आर्गन फेल्योर, संक्रमण व आंतरिक रक्तस्राव होने पर स्वजन उसे लेकर आईजीआईएमएस आए थे। मेडिकल इंटेसिव केयर यूनिट में भर्ती कर उसका उपचार शुरू हुआ, लेकिन जान नहीं बच सकी।
रविवार को उसका निधन हो गया। नेहा दो भाई एवं तीन बहनों में सबसे छोटी थी। वह उत्क्रमित मध्य विद्यालय, खबसी की छठी कक्षा की छात्रा थी। उसके भाई मुकेश ने बताया कि वह पढ़ाई में तेज, व्यवहार में सौम्य और परिवार की आशा की किरण थी। पिता दुर्गापुर स्टील प्लांट में काम करते हैं।
नेहा को ऐसी बीमारी थी, जिसमें शरीर स्वयं के टिशू पर हमला करने का कारण बनता है। इस कारण शरीर के सभी अंग धीरे-धीरे फेल होने लगते हैं। भाई ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय नेहा की आत्मा की शांति व दूसरों की सेवा के लिए लिया है। उसकी आंखों से दूसरे लोग इस दुनिया को देख सकेंगे, इससे बड़ी कोई श्रद्धांजलि नहीं हो सकती है।
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