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    राजीव प्रताप और रोहिणी आचार्य चुनाव प्रचार में कितना कर सकते हैं खर्च? कैश में ले सकते हैं इतना चंदा

    Lok Sabha Election 2024 सारण लोकसभा सीट से एनडीए ने राजीव प्रताप रूडी अपना प्रत्याशी बनाया है। वह भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। वहीं उनके खिलाफ राजद ने रोहिणी आचार्य को मैदान में उतारा है। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि दोनों कैंडिडेट चुनाव में कितना खर्च कर सकते हैं। तो इसको लेकर चुनाव आयोग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

    By Mukul Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 17 Apr 2024 01:52 PM (IST)
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    राजीव प्रताप रूडी और रोहिणी आचार्य। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, छपरा। Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव में कोई भी प्रत्याशी चुनाव प्रचार सहित अन्य कार्यों में 95 लाख रुपये खर्च कर सकते हैं। प्रत्याशियों को चुनाव में हुए प्रत्येक खर्चे का ब्योरा रखना होगा।

    निर्वाचन कार्यालय को इसकी सूचना निर्धारित प्रारूप में देनी होगी। चुनाव आयोग ने हर प्रकार के खर्च के लिए कुछ मानक तय किए हैं, उसी दायरे में रहकर खर्चा करना होगा। इसका अनुपालन नहीं करने पर प्रत्याशियों पर कार्रवाई भी की जाएगी।

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    चुनाव में लेन देन बैंक के माध्यम से होंगे

    चुनाव में समस्त लेन-देन बैंक के माध्यम से किए जाएंगे। नगद भुगतान अधिकतम 10 हजार रुपये का हो सकता है। किसी से चुनावी चंदा/दान 10 हजार रुपये तक ही नगद लिया जा सकता है।

    चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च को सीमित करने के लिए यह निर्णय लिया है। इससे प्रत्याशी चुनाव में पानी की तरह पैसा खर्च नहीं कर पाएंगे। नामांकन से पहले प्रत्याशियों को अलग से बैंक में खाता भी खोलना होगा।

    नामांकन से लेकर मतगणना तक के खर्च होंगे शामिल

    चुनाव अवधि में खर्च का लेखा-जोखा तीन बार निर्धारित तिथि पर दिखाया जाना अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार के व्यय की न्यूनतम दर वही स्वीकार्य होंगी जो जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमोदित है। अधिक होने पर दर स्वीकार्य नहीं होगी।

    मतदान/मतगणना एजेंटों के लिए जलपान पर होने वाला व्यय भी प्रत्याशी का खर्च माना जाएगा। किसी कार्यक्रम में एक से अधिक लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी मंच साझा करें तो संबंधित कार्यक्रम का कुल खर्च सभी प्रत्याशियों में बराबर बांटा जाएगा। कुल खर्च में प्रत्याशी द्वारा नामांकन तिथि से मतगणना तक की अवधि में किए जाने तमाम खर्च शामिल किए जाएंगे।

    खर्च का रखना होगा पूरा रिकॉर्ड

    उम्मीदवार को चुनाव खर्च का पूरा रिकार्ड अनिवार्य रूप से अपने पास रखना होगा। स्टार प्रचारकों द्वारा प्रत्याशी के साथ रैली या बैठक करने पर उसके खर्च को चुनाव प्रचार में ही जोड़ा जाएगा। इंटरनेट मीडिया पर भी चुनाव प्रचार का खर्च प्रत्याशियों पर ही जोड़ा जाएगा। इसलिए प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार पर भी ध्यान देना होगा।

    निर्धारित राशि से अधिक खर्च करने पर हो सकती है कार्रवाई

    चुनाव व्यय की अधिकतम सीमा 95 लाख रुपये निर्धारित है। प्रत्याशियों द्वारा निर्वाचन में निर्धारित सीमा से अधिक व्यय किया जाना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(6) के अंतर्गत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। ऐसे प्रत्याशी को कानून के तहत तीन वर्ष के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। आइपीसी की धारा-171 (अ) के तहत जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

    परिणाम घोषित होने के 30 दिन के अंदर देना होगा खर्च का ब्योरा

    लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को परिणाम घोषित होने के 30 दिन के भीतर अपने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा देना होगा।

    बिना किसी ठोस कारण समय सीमा के अंदर खर्च का ब्योरा नहीं देने वाले प्रत्याशी प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-10 (क) के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन काम कर रहा है।

    बता दें कि सारण लोकसभा सीट से भाजपा ने राजीव प्रताप रूडी को फिर से टिकट दिया है। वह लगातार दो बार इस सीट से जीत दर्ज की है। वहीं, राजद ने रोहिणी आचार्य को इस सीट पर उतारा है।   

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