चर्चा में सारण की ये सीटें, पूर्व CM के परिवार की नई पीढ़ी की एंट्री; छपरा में खेसारीलाल यादव भरेंगे पर्चा
बिहार के सारण जिले की कुछ सीटें इस बार चर्चा में हैं, जहां पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार की नई पीढ़ी चुनाव लड़ रही है। सियासी परिवारों के दबदबे के बीच, भोजपुरी अभिनेता खेसारीलाल यादव भी छपरा से नामांकन भर सकते हैं। युवा उम्मीदवारों की चुनौती से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।

करिश्मा राय और खेसारी लाल यादव की फाइल फोटो। (जागरण)
राजीव रंजन, छपरा। सारण जिले की परसा विधानसभा सीट इस बार राजनीतिक हलचल का केंद्र बना हुआ है। राजद ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती करिश्मा राय को अपना उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।
करिश्मा के मैदान में उतरने से परसा का चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गया है। दिलचस्प यह है कि इस सीट पर जदयू ने राजद के ही मौजूदा विधायक छोटेलाल राय को उम्मीदवार बनाया है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
करिश्मा राय राजनीति के एक सशक्त परिवार से आती हैं। उनके पिता व्यवसायी हैं और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय के बड़े भाई हैं। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है।
उनके बाबा दरोगा प्रसाद राय बिहार के मुख्यमंत्री रहे, जबकि चंद्रिका राय पांच बार परसा विधानसभा से विधायक चुने गए और मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। अब परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में करिश्मा ने राजनीतिक पारी की शुरुआत की है।
करिश्मा लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेज प्रताप यादव की चचेरी साली भी हैं, जिससे यह सीट राजनीतिक रूप से और भी चर्चा में है। स्थानीय राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि करिश्मा को टिकट देकर राजद ने न केवल क्षेत्र में नई ऊर्जा लाने की कोशिश की है, बल्कि चंद्रिका राय परिवार के साथ बने पुराने मतभेदों को भी दूर करने का संकेत दिया है।
करिश्मा राय चुनाव प्रचार में नए विजन और युवाओं को केंद्र में रखकर आगे बढ़ रही हैं। क्षेत्र में उनकी सक्रियता और संवाद शैली लोगों को प्रभावित कर रही है। स्थानीय मतदाता भी उन्हें बदलाव की प्रतीक के रूप में देख रहे हैं।
परसा में करिश्मा की इंट्री से जहां राजद कार्यकर्ताओं में उत्साह है, वहीं विरोधी खेमे में हलचल तेज हो गई है। अब देखना यह होगा कि क्या करिश्मा अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में सफल होंगी या नहीं।
तकनीकी कारणों से पत्नी की जगह खेसारी लाल यादव करेंगे नामांकन
वहीं, दूसरी ओर छपरा विधानसभा सीट से राजद के प्रत्याशी के रूप में अब सिने अभिनेता खेसारी लाल यादव खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे। पार्टी ने एक दिन पहले उनकी पत्नी चंदा यादव को उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन तकनीकी कारणों और मतदाता सूची से जुड़ी कुछ औपचारिकताओं के चलते अब खेसारी लाल यादव स्वयं नामांकन करेंगे।
राजनीतिक गलियारों में इस बदलाव को लेकर जोरदार चर्चा है। खेसारी लाल के नामांकन की खबर फैलते ही उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। शहर में उनके नामांकन को लेकर माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुका है। भीड़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक के विशेष इंतजाम किए हैं।
नामांकन के अंतिम दिन शुक्रवार को खेसारी लाल यादव छपरा एसडीओ कार्यालय में अपना पर्चा दाखिल करेंगे। प्रशासन ने समाहरणालय परिसर में बैरिकेडिंग, सीसीटीवी निगरानी और भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है।
राजद खेमे में उनके उतरने से चुनावी मुकाबला और दिलचस्प हो गया है, वहीं छपरा सीट पर सियासी तापमान अपने चरम पर पहुंच गया है।
पूर्व विधायक अशोक सिंह की पत्नी चांदनी सिंह बनियापुर से राजद प्रत्याशी
मशरक के दिवंगत पूर्व विधायक स्वर्गीय अशोक सिंह की पत्नी चांदनी सिंह इस बार बनियापुर विधानसभा सीट से राजद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने जदयू के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक केदारनाथ सिंह हैं, जो महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के छोटे भाई हैं।
इस मुकाबले को लेकर बनियापुर में चुनावी तापमान लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मुकाबला दो प्रभावशाली राजनीतिक घरानों के बीच सीधी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है। यहां का चुनाव अब रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है।
चांदनी सिंह राजनीति से अनभिज्ञ नहीं हैं। उनके भैसुर तारकेश्वर सिंह भी मशरक से विधायक रह चुके हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि चांदनी सिंह को राजनीति विरासत में मिली है।
परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि और राजद की मजबूत संगठनात्मक जमीनी पकड़ के कारण उनके पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है। अब देखना यह होगा कि जनता इस सीट पर किसे विजयी बनाती है।
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