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    छपरा-डोरीगंज एनएच में लगने वाले महाजाम से ग्रामीण त्रस्त

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:14 PM (IST)

    डोरीगंज । छपरा से डोरीगंज या छपरा से आरा जाना आज के हालात में छपरा के लोगों के लिए सबसे बड़ा मुश्किल कार्य है। छपरा-पटना एनएच पर ट्रकों के परिचालन से मुख्यमार्ग तो जर्जर हैं ही अब ग्रामीण सड़के भी जर्जर होने लगी हैं। छोटे वाहनों के रास्ता बदलने से गावं के लोगों को अपने घर के सामने भी विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। अगर इस जाम में आप फंस गए तो कितने घंटों में मुक्ति मिलेगी कह नही सकते।

    छपरा-डोरीगंज एनएच में लगने वाले महाजाम से ग्रामीण त्रस्त

    डोरीगंज । छपरा से डोरीगंज या छपरा से आरा जाना आज के हालात में छपरा के लोगों के लिए सबसे बड़ा मुश्किल कार्य है। छपरा-पटना एनएच पर ट्रकों के परिचालन से मुख्यमार्ग तो जर्जर हैं ही, अब ग्रामीण सड़के भी जर्जर होने लगी हैं। छोटे वाहनों के रास्ता बदलने से गावं के लोगों को अपने घर के सामने भी विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। अगर इस जाम में आप फंस गए तो कितने घंटों में मुक्ति मिलेगी, कह नही सकते। इस सड़क पर कभी धूल उड़ता है तो कभी कींचड़ से परेशानी होती है। इस वक्त कींचड़ युक्त सड़क जानलेवा बनी हुई है। इसको लेकर एनएच जाम मुक्ति मोर्चा ने बैठक कर प्रशासन व सरकार को अल्टीमेटम भी दिया है। इसके बावजूद भी अभी तक कोई कारगर उपाय नही किए गए हैं। ये हैं बड़ी समस्याएं

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    लोगों की शिकायत है कि छपरा—पटना मुख्य मार्ग लगभग एक दशक से निर्माणाधीन है, जिसके कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती है। वहीं आरा-छपरा ब्रीज चालू होने से यहां जाम की समस्या और बढ़ गइ है, इससे स्थानीय बच्चों को स्कूल जाने व बीमारों को अस्पताल जाने में काफी दिक्कत होती है। एनएच19 के साथ ही शेरपुर,विष्णुपुरा,खलपुरा,महाराजगंज,चिरान्द,भैरोपुर,जलालपुर,डुमरी तथा मुसेपुर तक के ग्रामीण सड़क भारी वाहन चलने से ध्वस्त होकर गढ़्ढे में तब्दील हो गए हैं जिसके कारण लोग और परेशान हैं। इस जाम का मुख्य कारण पार्वती आश्रम के पास का रेलवे क्रॉसिग भी है। रेलवे ढ़ाला बंद रहने से ट्रके सड़क पर ही खड़ी होती है। जबतक विष्णुपुरा के पास से बाइपास रोड तैयार नही होता तबतक इससे मुक्ति संभव नही है। किसी ने सुधि नहीं ली

    स्थानीय लोगों की शिकायत है कि चुनाव में नेता आते हैं और वोट लेकर जीत जाते हैं लेकिन उसके बाद कोई भी उनकी समस्या जानने नहीं आता। सड़क खराब होने व अक्सर जाम लगने के कारण आपात स्थिति में मरीज रास्ते में दम तोड़ देते हैं। जाम के कारण अब लंबी दूरी की बसें इधर से नहीं जातीं। इसके कारण भिखारी चौक से लेकर दिघवारा तक का ग्रामीण व्यवसाय समाप्त हो गया है और स्थानीय कारोबारियों की रोजी—रोटी छिन गई है। इन समस्याओं को लेकर स्थानीय सांसद से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक को चिठ्ठी लिखी गइ लेकिन जबाब देने में भी अधिकारियों द्वारा गुमराह कर यह कह दिया गया कि अब याहां जाम की समस्या समाप्त हो गई है। बोले विधायक

    इस संबंध में गड़खा विधायक सह पूर्व मंत्री बिहार सरकार मुनेश्वर चौधरी कहते हैं कि जाम की समस्या और जर्जर सड़क दोनों के लिए राज्य तथा केंद्र की सरकार और जिला प्रशासन बराबर के दोषी हैं। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा शून्यकाल में कई बार सड़क का मामला उठाया गया लेकिन वर्तमान सरकार इस पर संज्ञान नहीं ली। उन्होंने कहा कि खराब सड़क के कारण जनता का कोपभाजन हमें बनना पड़ता है। क्षेत्र में घूमने के कारण जनता की परेशानी के कारण मैं भी इस समस्या से पीड़ित हूं। बोले पूर्व विधायक

    इस संबंध में गड़खा के पूर्व विधायक ज्ञानचंद मांझी बताते हैं कि मेरे द्वारा भी विधानसभा में सड़क की समस्या को लेकर मामला उठाया गया था। वहीं जनता की समस्या विभागीय है। मंत्री तथा स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी को अवगत कराया गया, जिसका नतीजा दूसरी बार कार्य प्रारंभ होने का नारियल मेरे द्वारा ही फोड़ा गया। वैसे वर्तमान स्थिति गंभीर है। जनता के दर्द से मैं पीड़ित हूं।