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    सारण में सड़क हादसों का सिलसिला जारी, पांच महीनों में 187 मौतें, 138 हुए घायल

    जनवरी से मई 2025 के बीच सारण जिले में कुल 264 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। जिला प्रशासन द्वारा हेलमेट सीट बेल्ट ट्रिपल लोडिंग और ओवरलोडिंग जैसे मामलों में सख्ती बरती जा रही है और सभी थाना क्षेत्रों में वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है बावजूद इसके हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे।

    By rajeev kumar Edited By: Akshay Pandey Updated: Mon, 07 Jul 2025 03:36 PM (IST)
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    सारण में सड़क हादसों का सिलसिला कम नहीं हो रहा। सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, छपरा। जिले में सड़क हादसों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जनवरी से मई 2025 के बीच जिले में कुल 264 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। उनमें 187 लोगों की जान चली गई जबकि 138 लोग घायल हुए।

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    हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा हेलमेट, सीट बेल्ट, ट्रिपल लोडिंग और ओवरलोडिंग जैसे मामलों में सख्ती बरती जा रही है और सभी थाना क्षेत्रों में वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है, बावजूद इसके हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन और परिवहन विभाग लगातार सतर्क है। प्रत्येक थाना क्षेत्र में नियमित रूप से वाहन चेकिंग की जा रही है। शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में चालकों से हेलमेट, सीट बेल्ट के साथ-साथ गाड़ियों के कागजात की जांच की जा रही है।

    प्रशासनिक अनदेखी बनी हादसों की वजह

    जिले में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, जो चिंता का विषय बन गया है। तेज रफ्तार, ओवरलोडिंग और ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों में जानकारी का अभाव, दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बनती जा रही है। ग्रामीण इलाकों से गुजरने वाले नेशनल हाईवे पर वाहन चालक तेज रफ्तार में गाड़ी चलाकर अपनी जान जोखिम में डालते हैं।

    सड़कों पर वाहनों का दबाव पहले से कई गुना बढ़ गया है। वहीं सड़क किनारे खड़े भारी वाहन और ट्रकों की लंबी कतारें हादसों को आमंत्रण दे रही हैं। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा नियमित अंतराल पर वाहन जांच अभियान चलाया जाता है, लेकिन ट्रक चालकों में इसका कोई असर नहीं दिखता।

    ब्लैक स्पाट पर चेतावनी तक नहीं

    जिले में चिन्हित ब्लैक स्पाट पर दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में अपेक्षित कार्रवाई नहीं हो रही है। सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक में ज़ेब्रा क्रासिंग, स्पीड ब्रेकर, साइन बोर्ड व संकेत चिह्न लगाने के निर्देश जरूर दिए जाते हैं, लेकिन ज़मीन पर यह दिखाई नहीं देते। लोगों को न तो यह जानकारी होती है कि ब्लैक स्पाट कहां है और न ही यह कि कहां से रफ्तार कम करनी है।

    हाईवे पेट्रोलिंग की गाड़ियां भी बेअसर

    राज्य मुख्यालय द्वारा जिले को हाईवे पेट्रोलिंग व ओवरस्पीडिंग पर कार्रवाई के लिए विशेष गाड़ियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसके बावजूद सड़कों पर रफ्तार पर कोई लगाम नहीं लग पा रही है। जनवरी से मई 2025 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो सड़क हादसों में लगातार इजाफा हुआ है। प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान से लेकर योजनाएं लागू करने तक के कई प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी दुर्घटनाओं पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।

    जनवरी–मई 2025 तक सड़क हादसे

    • महीना - हादसा - मौत - घायल
    • जनवरी 45 33 20
    • फरवरी 46 31 31
    • मार्च 55 42 33
    • अप्रैल 58 41 26
    • मई 60 40 28
    • कुल 264 187 138