सर्दी-खांसी ने बढ़ाया ओपीडी का बोझ, रिविलगंज स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की भारी कमी
रिविलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ठंड और मौसमी बीमारियों के कारण मरीजों की संख्या बढ़ गई है। प्रतिदिन 100 से अधिक मरीज आ रहे हैं, जिनमें सर्दी-खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ वाले लोग शामिल हैं। स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन और दवाओं की व्यवस्था है, लेकिन चिकित्सकों की कमी है, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है।

सर्दी-खांसी ने बढ़ाया ओपीडी का बोझ
संवाद सूत्र, रिविलगंज (सारण)। ठंड के साथ बढ़ती मौसमी बीमारियों ने रिविलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी पर दबाव बढ़ा दिया है। प्रतिदिन 100 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
सर्द मौसम में खासकर सर्दी–खांसी, बुखार, बदन दर्द, सांस की तकलीफ समेत हृदय और बीपी से जुड़े मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। छोटे बच्चों में खांसी, जुकाम और सांस से संबंधित दिक्कतों के मामले भी अधिक दर्ज किए जा रहे हैं।
सभी बेड तक ऑक्सीजन लाइन उपलब्ध
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य केंद्र में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित हैं। जेनरल और प्रसव वार्ड के सभी बेड तक ऑक्सीजन लाइन उपलब्ध है तथा जीवन रक्षक दवाओं का पूरा स्टॉक मौजूद है।
गुरुवार के दिन ओपीडी में 110 मरीज पहुंचे, जबकि रोजाना औसतन 100 से अधिक लोग इलाज कराने आते हैं। प्रसव सेवाओं में भी प्रतिमाह 100 के करीब प्रसव हो रहे हैं, यानी प्रतिदिन तीन से चार डिलीवरी।
चिकित्सकों की भारी कमी
हालांकि मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सकों की भारी कमी से जूझ रहा है। केंद्र में केवल एक एमबीबीएस डॉक्टर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तैनात हैं।
आयुष, दंत और नेत्र चिकित्सक के सहारे अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। महिला चिकित्सक की स्थायी नियुक्ति नहीं होने से महिला मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। पिछले दो महीनों से एक महिला चिकित्सक सप्ताह में दो दिन ओपीडी में आ रही हैं, लेकिन स्थायी तैनाती की अब भी प्रतीक्षा है।
डॉ. राकेश कुमार का कहना है कि ठंड के मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार, सांस, दिल और दर्द से संबंधित मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। किसी भी मौसमी बीमारी या संभावित संक्रमण से निपटने के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। वर्तमान में सौ से अधिक मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आ रहे हैं।

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