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    छपरा में महिलाओं और छात्राओं के लिए शुरू हुई 'पिंक बस सेवा', जागरूकता की कमी से खाली दौड़ रहीं बसें

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 02:50 PM (IST)

    छपरा में महिलाओं और छात्राओं के सुरक्षित सफर के लिए 'पिंक बस सेवा' शुरू की गई है। दो जोड़ी गुलाबी बसें सुबह 7 से रात 8 बजे तक मुख्य मार्गों पर चल रही ...और पढ़ें

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    छात्राओं के लिए शुरू हुई पिंक बस सेवा

    जागरण संवाददाता, छपरा। महिलाओं व छात्राओं के सुरक्षित व सुगम आवागमन के उद्देश्य से बिहार सरकार ने छपरा शहर में ‘पिंक बस सेवा’ शुरू की है। यह बसें विशेष रूप से महिलाओं और छात्राओं के लिए संचालित की जा रही हैं। 

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    फिलहाल दो जोड़ी बसें चलाई जा रही हैं, जो ब्रह्मपुर पुल से गुदरी, भगवान बाजार चौक, दरोगा राय चौक व नेवाजी टोला होते हुए यूनिवर्सिटी तक पहुंचती हैं। गुलाबी रंग की यह बसें सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक शहर के मुख्य मार्ग पर लगातार दौड़ रही हैं।

    छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पहल

    सरकार द्वारा यह पहल छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि उन्हें कॉलेज एवं विश्वविद्यालय जाने में परेशानियों का सामना न करना पड़े। 

    पहले कई छात्राओं को दूरी व सुरक्षा को लेकर वाहन चयन में असुविधा होती थी, लेकिन पिंक बस के शुरू हो जाने से अब वे सुरक्षित तरीके से मात्र 27 रुपये किराये में यूनिवर्सिटी तक पहुंच सकती हैं। 

    बसों में ड्राइवर पुरुष जबकि कंडक्टर महिला नियुक्त की गई है, जिससे महिलाओं को यात्रा के दौरान सहजता महसूस हो रही है।

    जानकारी की कमी के चलते बसें खाली

    हालांकि व्यवस्था शुरू होने के बावजूद लोगों में जानकारी की कमी के चलते बसें अधिकांश समय खाली ही चल रही हैं। शहर में निर्माण कार्य होने के कारण फिलहाल सीमित रूट पर बसें चलाई जा रही हैं, परंतु आवश्यकता होने पर मार्ग और बसों की संख्या बढ़ाने की योजना है। 

    दरोगा राय चौक समेत कई जगह बसें दिखीं, लेकिन धीमी गति और पहचान की कमी के कारण लोग समझ नहीं पा रहे थे कि यह पिंक बस है।

    आम लोगों को जागरूक करना आवश्यक

    यात्री संख्या बढ़ाने के लिए आम लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। साथ ही प्रत्येक मुख्य चौक पर निर्धारित स्टॉपेज, समय-सारणी और बस की पहचान स्पष्ट करने के लिए बोर्ड व संकेतक लगाने की जरूरत है। 

    यदि हर चौक पर बस के संभावित आगमन का समय स्पष्ट किया जाए, तो महिलाएं एवं छात्राएं समय अनुसार बस पकड़ सकेगी। यह सेवा आधी आबादी के लिए बड़ी सुविधा साबित हो सकती है, बशर्ते शहर में इसके प्रचार-प्रसार और संचालन व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए।