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    Saran News: फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग सक्रिय, जल्द होगा नाइट ब्लड सर्वे

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 03:31 PM (IST)

    स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया उन्मूलन के लिए नाइट ब्लड सर्वे शुरू करेगा। सर्वजन दवा सेवन अभियान से पहले, रात में ब्लड सैंपल लेकर माइक्रो फाइलेरिया की जांच होगी। प्रत्येक प्रखंड में ग्रामों का चयन किया गया है, जहां 20 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के रक्त नमूने लिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने जनता से सहयोग करने की अपील की है ताकि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके।

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    जागरण संवाददाता, छपरा। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जल्द ही जिलेभर में नाइट ब्लड सर्वे शुरू करने जा रहा है। सर्वजन दवा सेवन अभियान की तैयारी के तहत यह सर्वे कराया जाएगा, जिसमें रात के समय लोगों के ब्लड सैंपल लेकर माइक्रो फाइलेरिया की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाएगा। आगामी वर्ष 10 फरवरी 2026 से जिले में सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा, इसलिए उसके पहले यह सर्वे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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    जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रत्येक प्रखंड में एक-एक स्थायी तथा अस्थाई ग्राम का चयन किया गया है। इसके अलावा मढ़ौरा और अमनौर प्रखंडों को Pre-TAS (Transmission Assessment Survey) के लिए चिह्नित किया गया है, जहां एक अस्थायी एवं दो उद्देश्यपूर्ण (Purposive) स्थलों से रक्त पट संग्रह किया जाएगा।

    इस सर्वेक्षण का कार्य रात 8:30 बजे से प्रारंभ होगा और प्रत्येक स्थल से लगभग 300 व्यक्तियों के रक्त नमूने लिए जाएंगे। 20 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों को इस सर्वे में शामिल किया जाएगा।

    पांच सदस्यीय टीम करेगी माइक्रो फाइलेरिया की जांच

    स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रत्येक चयनित स्थल पर पांच सदस्यीय मेडिकल टीम तैनात रहेगी, जिसमें लैब टेक्नीशियन, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, एएनएम, आशा कार्यकर्ता और एक अन्य कर्मी शामिल होंगे। ब्लड सैंपल माइक्रो फाइलेरिया की जांच के लिए लिया जाएगा, जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्षेत्र में संक्रमण की स्थिति क्या है और दवा वितरण अभियान को किस स्तर पर लागू किया जाए।

    रात में क्यों लिया जाता है खून का नमूना?

    फाइलेरिया एक परजीवी जनित रोग है, जो क्यूलैक्स मच्छर के काटने से फैलता है। यह परजीवी शरीर में धीरे-धीरे बढ़ता है और वर्षों बाद हाथ-पैर या जननांगों में सूजन उत्पन्न करता है, जिसे हाथीपांव कहा जाता है।

    विशेषज्ञ बताते हैं कि फाइलेरिया के परजीवी रात के समय रक्त में अधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे किया जाना आवश्यक है। इससे सरकार को संक्रमण के स्तर का सही मूल्यांकन करने तथा तय करने में मदद मिलती है कि अभियान को कितनी तीव्रता से चलाया जाए और पूर्व में किए गए प्रयास कितने सफल रहे हैं।

    स्वास्थ्य विभाग ने जनता से सर्वे में सहयोग करने की अपील की है, ताकि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लक्ष्य को जल्द हासिल किया जा सके।