सारण में पशुओं पर लंपी का प्रहार, रिस्पांस टीम अलर्ट, जांच के लिए ब्लड सैंपल भी भेजा
पशुपालन विभाग का कहना है कि सारण जिले में यह बीमारी महामारी का रूप नहीं ले रही है। यहां केवल छिटपुट मामले सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके विभाग ने एहतियात के तौर पर क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम बनाई है। यह टीम जिले में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेगी।
जागरण संवाददाता, छपरा(सारण)। सारण जिले के कई प्रखंडों में इस समय पशुओं में लंपी वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। खासकर गायें इस बीमारी से अधिक प्रभावित हो रही हैं। बीमारी से पशुओं का वजन अचानक कम हो रहा है और वे खानपान छोड़ दे रही हैं। कई मामलों में गायों की मौत भी हो रही है, जिससे पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है।
विभाग ने किया क्विक रिस्पांस टीम का गठन
पशुपालन विभाग का कहना है कि सारण जिले में यह बीमारी महामारी का रूप नहीं ले रही है। यहां केवल छिटपुट मामले सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके विभाग ने एहतियात के तौर पर क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम बनाई है। यह टीम जिले में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेगी।
मोबाइल वेटरनरी यूनिट प्रखंड में सक्रिय
प्रखंड स्तर पर मोबाइल वेटरनरी यूनिट की तैनाती की गई है। ये यूनिट पंचायत स्तर तक जाकर पशुओं की जांच कर रही है। भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी (चलंत) डॉ आलोक कुमार सिंह ने बताया कि विभाग ने बीमार पशुओं के ब्लड सैंपल को जांच के लिए पटना भेजा है, अनियमित प्रक्रिया के तहत किया गया है।
पशु अस्पतालों में उपलब्ध है दवा
पशुपालन विभाग ने बताया कि नियमित टीकाकरण होने के कारण फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। दवाएं पशु अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने पशुपालकों से अपील की कि पशु बीमार होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं या हेल्पलाइन 1962 नंबर पर संपर्क करें।
पशुपालकों में दहशत, विभाग सतर्क
लंपी रोग के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालक दहशत में हैं। लेकिन पशुपालन विभाग का दावा है कि हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। टीकाकरण, दवा और त्वरित चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। विभाग का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है और पशुपालकों को घबराने की जरूरत नहीं है।
घरेलू नुस्खों से भी मिल रही राहत
पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ आलोक कुमार सिंह ने पशुपालकों को सलाह दी है कि पशुओं की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खों का सहारा लें। इसके तहत नीम के पत्तों को उबालकर ठंडा पानी बनाकर उससे पशुओं को धोना चाहिए। आंवला चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर खिलाना बहुत लाभकारी है। इसके साथ ही पशुओं के साफ सफाई पर भी ध्यान रखें।
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