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    जयप्रकाश विश्वविद्यालय: कर्मचारी निलंबन मामले में कुलपति और कुलसचिव आमने-सामने, VC ने राजभवन को लिखा पत्र

    By Amritesh KumarEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Wed, 09 Aug 2023 10:32 PM (IST)

    बिहार में जयप्रकाश विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मी राय रणविजय देव के निलंबन मुक्त करने के मामले में कुलपति प्रो. फारूक अली और कुलसचिव डॉ. रणजीत कुमार आमने-सामने आ गए हैं। इस संबंध में कुलपति ने राज्यपाल सचिवालय के संयुक्त सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता को पत्र लिखा है। यह पत्र कुलपति ने राज्य भवन सचिवालय को पांच अगस्त 2023 को भेजा है।

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    जयप्रकाश विश्वविद्यालय के VC ने राजभवन सचिवालय को लिखा पत्र। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, छपरा: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मी राय रणविजय देव के निलंबन मुक्त करने के मामले में कुलपति प्रो. फारूक अली और कुलसचिव डॉ. रणजीत कुमार आमने-सामने आ गए हैं। इस संबंध में कुलपति ने राज्यपाल सचिवालय के संयुक्त सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता को पत्र लिखा है।

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    पत्र में कहा गया है कि आपके द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मी राय रणविजय देव और डॉ. धन्नजय कुमार सिंह के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई करते हुए मामले का निष्पादन अपने स्तर से सचिवालय को पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के अंदर जानकारी देने को कहा है।

    कुलपति की अनुमति के बिना राजभवन भेजा गया पत्र

    इस मामले में कुलपति ने भेजे पत्र में कहा है कि पत्रांक- 1759 (R) दिनांक 28.06.2023 मेरी जानकारी में नहीं हैं। यह पत्र बिना मेरी सहमति के और मेरी जानकारी में लाए बगैर जारी किया गया है, जो राज्यपाल सचिवालय के अतिरिक्त सचिव के हस्ताक्षर से जारी पत्रांक- BSU- 45/2019/GS की अवहेलना है।  कुलसचिव ने बिना कुलपति के अनुमति के ही कर्मचारी को निलंबन से मुक्त करने के संबंध में राजभवन में पत्र भेजा था।

    जांच समिति जल्द देगा अपना प्रतिवेदन

    विश्वविद्यालय के पत्र में आगे कहा गया है कि जहां तक राय रणविजय देव और डॉ. धन्नंजय कुमार सिंह के निलंबन से संबंधित मामला है, तो इस दिशा में कार्रवाई की जा रही है। राय रणविजय देव के संबंध में विधिवत गठित जांच समिति द्वारा सुनवाई पूरी कर ली गयी है। जांच समिति ने अपना प्रतिवेदन 26 जुलाई.2023 को समर्पित कर दिया है, जिस पर शीघ्र ही निर्णय लेकर मामले का निष्पादन कर दिया जायेगा।

    महामहिम के मार्गदर्शन की जरूरत

    राय रणविजय देव ने निलंबनावधि में निर्धारित मुख्यालय में निलम्बन 17 दिसंबर 2021 से आजतक रिपोर्ट/योगदान नहीं किया है। न ही वे पूर्व गठित जांच अधिकारी के समक्ष जांच के लिए उपस्थित ही हुए हैं। अतः निलंबन की इस अवधि का कैसे नियमितीकरण किया जा सकेगा। इस बिंदु पर महामहिम का महती मार्गदर्शन अपेक्षित होगा।

    धन्नजय कुमार सिंह मामले का निष्पादन भी जल्द

    डॉ. धन्नजय कुमार सिंह के निलंबन के मामले पर भी जांच समिति शीघ्र ही सुनवाई करने जा रही है। इस मामले का भी 15 दिनों के अंदर निष्पादन कर दिया जायेगा। डॉ. धन्नजय कुमार सिंह ने भी निलंबन की तारीख तीन अगस्त 2021 से आजतक निर्धारित मुख्यालय में योगदान/रिपोर्ट नहीं किया है। न ही पूर्व गठित जांच अधिकारी के समक्ष जांच हेतु उपस्थित हुए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने नियंत्री एवं अनुशासनिक पदाधिकारी पर एक मुकदमा भी दर्ज किया हुआ है।

    आनन-फानन में हुई कुलसचिव की कार्रवाई!

    यह पत्र कुलपति ने राज्य भवन सचिवालय को पांच अगस्त 2023 को भेजा है। इसी बीच राजभवन द्वारा कुलपति को भेजे पत्र के आलोक में कुलसचिव ने चार अगस्त 23 को आनन-फानन में राय रणविजय देव को निलंबन मुक्त कर दिया। इसके बाद से कुलपति एवं कुलसचिव आमने-सामने आ गए हैं।