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    Saran News: सोनपुर के नवघरवा में गंगा का कहर, चार घर नदी में समाए

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 06:08 AM (IST)

    सारण जिले के नयागांव में गंगा नदी के कटाव से चार परिवार बेघर हो गए। नवघरवा गांव में लालदेव राय समेत कई लोगों के घर नदी में समा गए। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन केवल आश्वासन देता है मदद नहीं। बारिश के बाद कटाव और तेज हो गया है जिससे लोगों में डर का माहौल है। ग्रामीण रिंग बांध बनाने की मांग कर रहे हैं।

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    सोनपुर के नवघरवा में गंगा का कहर। (जागरण फोटो)

    संवाद सूत्र, नयागांव (सारण)। सोनपुर प्रखंड के सबलपुर पश्चिमी पंचायत के नवघरवा गांव में गुरुवार को गंगा का कटाव लोगों पर कहर बनकर टूटा। कुछ ही घंटों में चार परिवारों के सपनों का आशियाना नदी की तेज धारा में समा गया। कटाव का मंजर इतना भयावह था कि ग्रामीण अपने घरों को डूबते देख केवल आंसू बहाते रह गए।

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    सबसे पहले लालदेव राय और उनके भाई दिलीप राय का घर नदी में बह गया। इसके बाद चंद्रिका राय, पंचम राय-लोरीक राय और सोहन राय-जयमंगल राय के मकान भी एक-एक कर गंगा की धारा में समाते चले गए।

    घरों के गिरते ही पूरे गांव में हाहाकार मच गया। महिलाएं दहाड़ मारकर रोने लगीं, बच्चे सहमकर मां-बाप से लिपट गए, वहीं पुरुष बेबसी से हाथ मलते रह गए।

    गांव के वृद्ध सोहन राय की आंखों में आंसू थे। कांपती आवाज में उन्होंने कहा कि पूरी जिंदगी की कमाई, मेहनत और यादें कुछ ही पलों में गंगा ले गई। अब कहां जाएं, किसके सहारे जिएं। प्रभावित परिवार की महिलाओं ने भी रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन केवल आश्वासन देता है, लेकिन ठोस कदम उठाने कभी नहीं आता।

    बारिश थमते ही कटाव हुआ तेज

    ग्रामीण विनोद राय ने बताया कि बारिश थमते ही कटाव और तेज हो गया। शाम तक इसकी रफ्तार कुछ धीमी हुई, लेकिन खतरा टला नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि शुक्रवार तक झिम्मी राय और ललन राय के घर भी नदी में समा सकते हैं।

    गांव में अब टूटी-फूटी दीवारें और मलबा ही बाकी रह गया है। हर चेहरे पर असुरक्षा, डर और भविष्य की चिंता साफ झलक रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि वे अब चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने रिंग बांध निर्माण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने की घोषणा की और सवाल उठाया कि आखिर कब तक सरकार और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे।

    नवघरवा का यह कटाव केवल मिट्टी का ढहना नहीं है, बल्कि इसमें पूरे परिवारों की खुशियां, उनकी मेहनत की कमाई और सपने बह रहे हैं। गांव आज मातम में डूबा है और लोगों की आंखें सिर्फ इस इंतजार में हैं कि कोई आकर उन्हें सुरक्षित भविष्य का भरोसा दिलाए।