Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण, 9 घंटे पहले लगेगा सूतक; जानिए सटीक टाइमिंग
भाद्रपद पूर्णिमा पर इस साल एक अद्भुत खगोलीय संयोग बन रहा है। 7 सितंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसका स्पर्श रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगा। सूतक दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा जिसके दौरान पूजा-पाठ निषेध रहेंगे। ग्रहण का राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा इसलिए इष्टदेव की आराधना फलदायी होगी। 3 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी और 4 सितंबर को वामन द्वादशी मनाई जाएगी।

जागरण संवाददाता, नयागांव (सारण)। भाद्रपद मास की पूर्णिमा पर इस वर्ष एक विशेष खगोलीय संयोग बनने जा रहा है। संवत 2082, भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा, रविवार सात सितंबर को सम्पूर्ण भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
हरिहर क्षेत्र सोनपुर के नौलखा मंदिर के पूर्व प्रबंधक पंडित नन्द कुमार राय ने बताया कि भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण का स्पर्श रात्रि 9:57 बजे, मध्यकाल 11:42 बजे तथा मोक्ष रात्रिशेष 1:27 बजे होगा।
उन्होंने कहा कि ग्रहण का सूतक नौ घंटे पूर्व दोपहर 12:57 बजे से ही लग जाएगा। इस दौरान शास्त्रानुसार भगवान के दर्शन और पूजा निषेध होंगे तथा मंदिरों के पट बंद रहेंगे।
मोक्षोपरांत श्रद्धालु स्नान कर भगवान का अभिषेक करेंगे और वस्त्र-आभूषण से अलंकृत कर विशेष दर्शन-पूजन का लाभ प्राप्त करेंगे।
पंडित नन्द कुमार राय ने बताया कि चंद्रग्रहण का प्रभाव राशियों पर भिन्न-भिन्न होगा। मेष और वृषभ राशि वालों को सुख की प्राप्ति होगी, जबकि मिथुन, कर्क और सिंह राशि के जातकों को मानसिक चिन्तन की स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि वालों के लिए यह विकासदायक रहेगा, वहीं मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को पीड़ा की आशंका है। इस समय अपने इष्टदेव की आराधना, गुरुमंत्र का जप, धार्मिक ग्रंथों का पठन और भगवान का स्मरण विशेष फलदायी माना गया है।
भाद्रपद मास के अन्य पर्वों की जानकारी देते हुए पंडित राय ने कहा कि तीन सितंबर बुधवार को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत होगा, जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषशय्या पर करवट बदलते हैं। इसके अगले दिन चार सितंबर गुरुवार को दोपहर 12 बजे भाद्रपद शुक्ल द्वादशी श्रवण नक्षत्र में भगवान श्रीवामन का प्राकट्योत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।
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